Sunday , December 22 2024 6:07 PM
Home / Spirituality / भगवान शिव मंगल कामना के लिए करते हैं इस श्लोक से स्तुति

भगवान शिव मंगल कामना के लिए करते हैं इस श्लोक से स्तुति

8
सृष्टि के निर्माण के समय से ही शक्ति की आराधना की जाती रही है। सबसे पहले भगवान विष्णु ने मधु नामक दैत्य के वध के लिए इस व्रत का पालन कर अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त की। भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर के नाश के लिए यही व्रत किया। जब देवगुरु बृहस्पति की भार्या का हरण चंद्रमा ने कर लिया तो इस समस्या के समाधान के लिए यही व्रत उन्होंने भी किया। त्रेता युग में प्रभु श्रीराम की भार्या सीता के लिए देवर्षि नारद के कहने से भगवान श्रीराम ने इस व्रत को करके रावण पर विजय पाई। यही अनुष्ठान महर्षि भृगु, वशिष्ठ, कश्यप ने भी किया। सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए नवरात्र में शक्ति की अराधना श्रेष्ठ मार्ग है।

भगवान शिव ने जब अपनी आराध्य शक्ति को नमस्कार कर उनकी पूजा की तो उस समय मंगल कामना के लिए निम्नलिखित श्लोक से महागौरी की स्तुति की थी।

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

अगर आप भी माता रानी की कृपा पाना चाहते हैं तो नवरात्रों के दिनों में रोजाना इस श्लोक का पाठ करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *