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UN: प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय राजदूत ने कूटनीतिक कुशलता से पाक पत्रकारों की बोलती बंद की


कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश कर रहे पाकिस्तान और चीन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को मुंह की खानी पड़ी। UNSC ने जहां उल्टा कश्मीर में हालात सामान्य करने के भारतीय प्रयासों की सराहना की, वहीं चीन की तमाम कोशिशों के बाद भी इस बैठक पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ। ‘बंद कमरे’ की इस बैठक के बाहर भी भारतीय कूटनीति हावी रही। UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने अपनी हाजिरजवाबी, तथ्यों और कूटनीतिक जवाबों से पाकिस्तानी पत्रकारों को निरुत्तर कर दिया।
पाकिस्तान की तो ऐसी की तैसी हो रखी है…..पाकिस्तानियो ये तुम्हे बर्बाद कर देगा इमरान ख़ान….कुछ नही कर पायेगा ये
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंदरअसल, कश्मीर पर चर्चा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी जिसमें पाकिस्तान के कई पत्रकारों ने अकबरुद्दीन से बार-बार कश्मीर और मानवाधिकार के सवाल दागे। पाक पत्रकारों ने अनुच्छेद 370 पर भी भारतीय राजनयिक को घेरने की कोशिश की पर नाकाम रहे। अकबरुद्दीन ने एक-एक कर सभी के प्रश्नों का सटीक जवाब देकर उन्हें चुप करा दिया। उन्होंने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने का फैसला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।
पाकिस्तानी पत्रकारों को कूटनीतिक जवाब
उन्होंने सबसे पहले पाकिस्तान के तीन पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए और इस दौरान वह बेहद आत्मविश्वास में दिखे। उन्होंने कहा कि आप लोगों के मन में कोई संदेह नहीं रहना चाहिए क्योंकि मैं तीनों पाक पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहा हूं।
जैसे ही पाकिस्तान के आखिरी पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा कि नई दिल्ली, इस्लामाबाद से कब वार्ता करेगा, तो अकबरुद्दीन ने पोडियम से आगे जाकर बेहद आत्मविश्वास के साथ बोला, ‘चलिए, मुझे इसकी शुरुआत सबसे पहले आपसे रू-ब-रू होकर करने दीजिए। हाथ मिलाने दीजिए।’ उन्होंने एक-एक कर तीनों पत्रकारों से हाथ मिलाया और इस दौरान वहां पत्रकारों की हंसी भी सुनाई दी।
इसके बाद पोडियम पर जाकर उन्होंने कहा, ‘हमने दोस्ती का हाथ बढ़ाकर दिखा दिया कि हम (भारत) शिमला समझौते को लेकर प्रतिबद्ध हैं। अब पाकिस्तान की तरफ से जवाब का इंतजार करते हैं।’

370 पर बार-बार सवाल, भारतीय प्रतिनिधि ने यूं कराया चुप
370 पर पूछे गए सवालों पर उन्होंने कहा कि इसका कोई बाहरी प्रभाव नहीं है। हाल में भारत सरकार और हमारी विधायिका के द्वारा लिया गया फैसला जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए गुड गवर्नेंस को प्रमोट करने, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने पर केंद्रित है। दुनियाभर के पत्रकारों के सामने भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिहाद के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम आतंक और हिंसा मुक्त माहौल में सभी मसलों का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए आगे भी प्रयास जारी रखने को तैयार हैं।