
आज कल काफी लोग अपने घरों में बेसमैंट बनवाने लगे हैं। कुछ लोग तो इसका जरूरत के तौर पर निर्माण करवाते हैं लेकिन कुछ लोग इसे शौकिया तोर पर बनवाने लगे हैं। परंतु लोगों को इसके नुकसानों के बार में नहीं पता। वास्तु के अनुसार घर में तहखाना बनवाना अच्छा नहीं होता। लेकिन फिर भी यदि बनवाना अनिवार्य हो तो अागे बताई गईं बातों का ध्यान रखना चाहिए।
घर में बेसमैंट न बनवाने के पीछे का एक कारण यह भी है कि इससे संबंधित आशंकाओं का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है व नींद भी पूरी नहीं होती।
बेसमैंट बनवाना हो तो बिल्कुल मकान के नीचे न बनवाएं। इसे बनवाने के पूर्वाद्र्ध या उत्तराद्र्ध दिशा ही (ईशाण कोण) उपयुक्त मानी जाती है।
बेसमैंट में रहने वालों का व्यवसाय भी ठीक नहीं चलता। अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मन में हीनता का भाव बना रहता है।
आवासीय भवनों में बेसमैंट बनवाने का सोच रहे हैं तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि इसका आकार चूल्हे जैसा न हो।
ईशाण कोण में तहखाना होने से वहां सूर्य की किरणें व रोशनी आसानी से पहुंचती है। जिससे नकारात्मक ऊर्जा का सरलता से नाश होता है।
जहां तक हो सके बेसमैंट बनवाने से बचें। क्योंकि वास्तु के अनुसार तहखाना अंधेरे का सूचक होता है, जिसके कारण घर में सकारात्मक ऊर्जा का अागमन नहीं हो पाता।
यदि आपके मन में घर के किसी हिस्से को लेकर कोई-न-कोई आशंका बनी रहती है तो इसका प्रभाव आपके मन-मस्तिष्क पर जरूर पड़ता है, जिसके कारण आप अशांत रहेंगे।
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