
त्वचा की सफाई का काम स्नान ही करता है। योग और आयुर्वेद में स्नान के प्रकार और फायदे बताए गए हैं। बहुद देर तक और अच्छे से स्नान करने से जहां थकान और तनाव घटता है वहीं यह मन को प्रसन्न कर स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक सिद्ध होता है। प्रातःकाल किया गया स्नान असीम सुख देने वाला माना गया है। रात्रि को सोते वक्त कुछ लोगों के मुंह से निरंतर लार टपकती रहती है, जिससे पूरा शरीर अशुद्ध हो जाता है। ऐसी लोगों को प्रातकाल: उठते ही स्नान कर लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त कुछ उपाय नहाते समय कर लिए जाएं तो हर अधूरी इच्छा को लग जाता है विराम। कुछ दिन अवश्य करें, कुछ दिनों में स्वयं फर्क महसूस करेंगे।
नहाने के पानी में इलायची अथवा केसर डालकर स्नान करने से धन संबंधी समस्याएं नष्ट होने लगती हैं।
दूध और पानी मिलाकर नहाने वाले व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा और आयु में वृद्धि होती है।
मनचाहे आभूषणों की चाह रखने वाले नहाने की बाल्टी में रत्न डाल कर स्नान करें।
पानी में तिल डालकर नहाने वाले का भाग्य प्रभावशाली बनता है, दरिद्रता उसे कोसो दूर भागती है और स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है।
गुप्तांगों पर दही लगाकर नहाने से गुप्त रोगों से मुक्ति मिलती है। यदि इसे पानी में डालकर नहाया जाए तो माल-असबाब और वैभव में बढ़ौत्तरी होती है।
घी डालकर नहाने वाले की आयु लंबी होती है और शरीर को कोई रोग भी नहीं लगता।
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