चीन ने अमेरिका के करीबी दोस्त सऊदी अरब पर डोरे डालने शुरू कर दिया है। उसने सऊदी अरब को कई हथियारों का ऑफर दिया है, जो अमेरिका की तुलना में सस्ते और बिना किसी शर्त के साथ मिलेंगे। सऊदी अरब भी अमेरिका से अपनी निर्भरता कम करने पर काम कर रहा है।
सऊदी अरब शुरू से ही अमेरिका का करीबी देश माना जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में उसकी चीन के साथ नजदीकियां बढ़ी हैं। इससे सतर्क अमेरिका ने सऊदी अरब पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। अमेरिका ने इजरायल को मान्यता देने की शर्त पर सऊदी अरब को नाटो देशों जैसी सुरक्षा की गारंटी देने का वादा किया है। हालांकि, गाजा युद्ध के कारण यह डील अटक गई है। इस बीच चीन ने एक बार फिर सऊदी अरब को सैन्य सहायता देने के नाम पर अपने पाले में लाने की कोशिशें तेज की हैं। चीन ने सऊदी अरब को J-10 लड़ाकू विमानों का ऑफर दिया है। यह वही लड़ाकू विमान है, जिससे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के राफेल को गिराने का झूठा दावा किया था।
भारत के खिलाफ प्रॉपगैंडा फैला रहे चीन, तुर्की, अमेरिका – इस झूठे दावे का चीन, तुर्की और अमेरिका ने अपने-अपने हितों को साधने के लिए जमकर प्रचार किया। हालांकि इनमें से कोई भी देश एक भी सबूत नहीं दिखा सका। अब चीन इसी झूठे दावे की मदद से अपने हथियारों को बेचने की कोशिश कर रहा है। वह चीनी हथियारों को अपने पश्चिमी समकक्षों के बराबर ताकतवर बता रहा है। उसने J-10 लड़ाकू विमान को युद्ध क्षेत्र में साबित हथियार बताया है। हालांकि, इसके बावजूद अभी तक सऊदी अरब समेत किसी भी देश ने J-10 लड़ाकू विमान को खरीदने को लेकर कुछ भी वादा नहीं किया है।
Home / Uncategorized / क्या सऊदी अरब पर चलेगा चीन का राज? अमेरिका की बढ़ेगी टेंशन, जानें भारत-पाकिस्तान संघर्ष से क्या कनेक्शन