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अमेरिका को सौंपेंगे पोर्ट, खुद बनेंगे सर्वोच्च नेता… बांग्लादेशी लेखक ने हटाया यूनुस के ‘खतरनाक प्लान’ से पर्दा, भारत की बढ़ाएगा टेंशन


बांग्लादेश में आने वाले कुछ हफ्तों में बड़ी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। मौजूदा महीने यानी जून के आखिर और जुलाई में बांग्लादेश में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें सबसे अहम मोहम्मद यूनुस का 1972 के संविधान को रद्द करके खुद को देश का सर्वोच्च नेता घोषित करना हो सकता है। इसके अलावा यूनुस का देश के कई अहम ठिकाने अमेरिका को देने का प्लान है, जिससे पूरे क्षेत्र में बड़ी हलचल हो सकती है। बांग्लादेश के जानेमाने लेखक और पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने ये दावा किया है। उनका कहना है कि अगर यूनुस को ना रोका गया तो बांग्लादेश गृहयुद्ध की तरफ जा सकता है।
सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने यूरेशियन टाइम्स में अपने लेख में कहा है कि यूनुस जुलाई में अपनी अंतरिम सरकार को क्रांतिकारी सरकार घोषित करते हुए संविधान रद्द कर देंगे। संविधान रद्द होने के बाद यूनुस के पास राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमां को हटाने की शक्ति मिल जाएगी। इन दोनों को हटाते हुए यूनुस बांग्लादेश की सेना को इस्लामी क्रांतिकारी सेना (IRA) से बदल देंगे। इससे बांग्लादेश कट्टरपंथी इस्लामिक देश बनने की तरफ बढ़ेगा।
यूनुस सरकार कर रही चार्टर पर काम – चौधरी कहते हैं, ‘मोहम्मद यूनुस की सरकार जुलाई चार्टर पर काम कर रही है। यह कई तरह के सुधारों का एक प्रस्ताव है, जिस पर सभी राजनीतिक पार्टियां सहमत हैं। यह चार्टर कथित तौर पर कल्याणकारी स्टेट की नींव रखेगा और सभी हस्ताक्षरकर्ता इसे लागू करेंगे। हालांकि दिसंबर 2024 में यूनुस ने इस तरह के चार्टर की तैयारी से इनकार किया था। तब उन्होंने इसे एक निजी पहल बताया था।’
यूनुस को पता है कि उनके पास जनता का समर्थन नहीं है। अगर निष्पक्ष चुनाव होते हैं तो अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) में ही मुकाबला होगा। उन्होंने अवामी लीग को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया है और अब BNP को हाशिए पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। इन दोनों मुख्य दलों को खत्म करते हुए वो सत्ता हासिल करना चाहते हैं।
यूनुस के साथ ISI और अमेरिका – यूनुस का जुलाई चार्टर उनके समर्थकों की बनाई गई योजना का हिस्सा है। इसमें अमेरिकी डीप स्टेट और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लोग शामिल हैं। वे यूनुस का इस्तेमाल बांग्लादेश को अस्थिर करने, लोकतांत्रिक संस्थाओं को खत्म करने और देश की रणनीतिक और भू-राजनीतिक संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए कर रहे हैं।
यूनुस इस काम में संयुक्त राष्ट्र का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। एक बैठक में संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ग्विन लुईस ने बांग्लादेश की सुधार प्रक्रिया के साथ एकजुटता दिखाई है। इससे लगता है कि वो यूनुस सरकार और उनके इस्लामी समर्थकों का समर्थन कर रहे हैं। ये एक तरह से यूनुस सरकार के साथ बढ़ने जैसा है।
यूनुस पर क्यों है शक – ढाका के राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यूनुस विदेश में रहते हुए संविधान में बदल कर खुद को राष्ट्रपति घोषित कर सकते हैं। यूनुस की ओर से बांग्लादेश को औपचारिक रूप से इस्लामी गणराज्य या खिलाफत घोषित किया जा सकता है। इससे यूनुस को चुनाव स्थगित करने और अनिश्चितकाल के लिए एक तथाकथित क्रांतिकारी सरकार स्थापित करने की शक्ति मिल जाएगी।
यूनुस की ओर से अमेरिका में संभावित ट्रंप प्रशासन से समर्थन पाने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चटगांव बंदरगाह को डीपी वर्ल्ड को पट्टे पर देने, म्यांमार के रखाइन में गलियारा और सेंट मार्टिन द्वीप पर अमेरिकी सैन्य अड्डे को इजाजत देने की योजना बना रहे हैं। वो लालमोनिरहाट हवाई अड्डे और बांग्लादेश आयुध कारखाने का नियंत्रण पाकिस्तानी या तुर्की सेना के बिचौलियों के माध्यम से अमेरिका को सौंप सकते हैं। ये पड़ोसी भारत के लिए गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा करेगा।
सेना पर बड़ी जिम्मेदारी – यूनुस के इन इरादों पर बढ़ने की अटकलों के बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल जमां पर बड़ी जिम्मेदारी है। बांग्लादेश की संप्रभुता और लोकतांत्रिक चरित्र को बनाए रखने का एकमात्र तरीका यूनुस और उनके सहयोगियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करना है। सेना यूनुस को रोकने में विफल रहती है तो बांग्लादेश कट्टरता के भंवर में फंसेगा। देश विदेशी शक्तियों और गृहयुद्ध का मैदान बन जाएगा। इससे बांग्लादेश के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।