कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बड़ा झटका लगा है। कर्ज को लेकर आईएमएफ के साथ चल रही पाकिस्तान की एक और दौर की बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। पाकिस्तान के मीडिया आउटलेट ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आयकर की दरों और कृषि व स्वास्थ्य क्षेत्र की वस्तुओं पर टैक्स को लेकर सहमति नहीं बनी जिसके बाद आईएमएफ ने बातचीत रोक दी। ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी करदाताओं से 4.67 लाख रुपये से अधिक मासिक आयकर पर 45 प्रतिशत टैक्स लिए जाने को लेकर चर्चा चल रही है। इस समय पाकिस्तान में 5 लाख रुपये से अधिक की मासिक आय पर 35 फीसदी का टैक्स लागू है।
आईएमएफ पाकिस्तान के ऊपर जिस तरह की शर्तें लादना चाह रहा है, पाकिस्तान सरकार उसे मानती है तो जनता के भारी गुस्से का सामना करना पड़ेगा। बातचीत के दौरान आईएमएफ अगले बजट में निर्यातकों पर टैक्स बढ़ाने का दबाव बना रहा है, जिस पर पाकिस्तान सरकार सहमत है। इस साल निर्यातकों ने 86 अरब रुपये का भुगतान किया है जो कि वेतनभोगी कर्मचारियों के टैक्स से ही 280 प्रतिशत कम है। पाकिस्तान ने एक निश्चित आय सीमा से अधिक पेंशन पर भी टैक्स लगाने की इच्छा आईएमएफ के सामने जाहिर की। पाकिस्तान ने शुक्रवार को कराधान और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित लंबित मुद्दों पर चर्चा की।
Home / Uncategorized / कंगाल पाकिस्तान को झटका, IMF ने शहबाज शरीफ के सामने रखी मुश्किल शर्त, कर्ज चाहिए तो बनना होगा अपनों का दुश्मन