
मॉस्को: आर्मेनिया और अजरबैजान एक बार फिर युद्ध के करीब पहुंच गए हैं। आर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने अजरबैजान पर आरोप लगाया है कि उसकी सेना ने अग्रिम सीमा चौकियों पर गोलीबारी की है। मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि 2 सितंबर को शाम 16:00 बजे और 16:10 बजे के बीच, अजरबैजानी सशस्त्र बलों की इकाइयों ने नोराबाक के पास अर्मेनियाई युद्ध चौकियों की ओर गोलीबारी की। इससे पहले अजरबैजान ने आरोप लगाया था कि आर्मेनिया उसके क्षेत्र में ड्रोन हमले करने की तैयारी है। इसके जवाब में अजरबैजान ने आर्मेनियाई ड्रोन कंट्रोल स्टेशन पर तुर्की से खरीदे गए टीबी-2 ड्रोन के जरिए हमला करने का वीडियो भी शेयर किया था।
आर्मेनिया के आरोपों पर क्या बोला अजरबैजान – अजरबैजान ने आर्मेनिया के आरोपों को खारिज किया है। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आर्मेनिया ने जो जानकारी साझा की है वो झूठ है। शुक्रवार को आर्मेनिया ने कहा कि सीमा पर गोलीबारी के कारण उसके चार सैनिक मारे गए हैं। उधर, अजरबैजान ने भी अपने एक सैनिक के घायल होने की सूचना दी है। आर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने बाद में मरने वाले सैनिकों की संख्या संशोधित करते तीन लोगों तक कर दी। इस हमले के बाद आर्मेनिया-अजरबैजान सीमा पर तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है। दोनों देशों की सेनाओं ने एक दूसरे के हमले का जवाब देने के लिए सीमा पर चौकसी को बढ़ा दिया है।
आर्मेनिया और अजरबैजान कट्टर दुश्मन – आर्मेनिया और अजरबैजान की सीमा पर कई वर्षों से समय-समय पर गोलीबारी होती रही है। दोनों देश नार्गोनो-काराबाख को लेकर दशकों से जारी संघर्ष में शामिल हैं। सितंबर 2020 में नार्गोनो-काराबाख को लेकर दोनों देशों के बीच तीन महीने लंबा युद्ध हुआ था। इस यु्द्ध में दोनों देशों के सैकड़ों सैनिकों की मौत हुई थी। बाद में नवंबर 2020 में रूस की मध्यस्थता में त्रिपक्षीय युद्धविराम की घोषणा की गई थी। इस युद्धविराम के तहत युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में रूस ने अपने शांति सैनिकों को तैनात किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच सितंबर 2022 में भी एक सैन्य झड़प हुई थी, जिसमें आर्मेनिया और अजरबैजान ने अपने दर्जनों सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था।
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