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काव्य

मालदीव में खतरे में भारतीय असैन्य कर्मियों की पहचान, मुइज्जू सरकार को डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश

मालदीव के सूचना आयुक्त कार्यालय ने भारत के असैन्य कर्मियों की जानकारियों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। इन कर्मियों को भारतीय सैनिकों की जगह पर इसी साल मई में मालदीव में तैनात किया गया था। कार्यालय ने कहा है कि भारत के साथ किए गए समझौते की भी खोज की जाए। मालदीव में भारत से उपहार में मिले …

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चीन में मिला सोने का विशाल भंडार, कीमत इतनी कि ‘इकाई दहाई सैकड़ा हजार’ गिनते रह जाएंगे

चीनी भूविज्ञानियों ने हुनान प्रांत के मध्य में एक भंडार में लगभग 82.8 बिलियन डॉलर मूल्य के सोने के भंडार की खोज की है, प्रांत के भूविज्ञान ब्यूरो ने गुरुवार को यह जानकारी दी। चीन पहले से ही दुनिया का सबसे बड़ा सोना उत्पादक है। चीन के पास वर्तमान में 2,264.32 टन सोने का भंडार है। चीन में सोने का …

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ICBM अटैक पर चुप रहना… रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कांफ्रेंस में आया फोन, देनी पड़ रही सफाई

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आए एक फोन के कारण अब सफाई देनी पड़ रही है। दरअसल, मारिया जखारोवा जब मीडिया को संबोधित कर रही थीं, तब उन्हें एक फोन आया और कहा गया कि यूक्रेन पर हुए मिसाइल हमले के बारे में कुछ नहीं बोलना है। रूस ने यूक्रेन पर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) …

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“Women – Miracle of Eternity”

By – Atul Gupta  As a Small girl, she is the shining light of home. As a Young princess, She is beaming light of life. As a Youthful Girly Girl, She is the rainbow of heavens Fall. As a Mid Aged women, she is the hope of many life’s. As a Old aged her, She is the divine grace of …

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मुझको भी तरकीब सिखा कोई, यार जुलाहे

• गुलज़ार मुझको भी तरकीब सिखा कोई यार जुलाहे अक्सर तुझको देखा है कि ताना बुनते जब कोई तागा टूट गया या ख़तम हुआ फिर से बाँध के और सिरा कोई जोड़ के उसमें आगे बुनने लगते हो तेरे इस ताने में लेकिन इक भी गाँठ गिरह बुनतर की देख नहीं सकता है कोई मैंने तो इक बार बुना था …

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जो जाता है वो यादों को मिटा कर क्यों नहीं जाता

• प्रबुद्‌ध सौरभ मेरी आँखों से हिजरत का वो मंज़र क्यों नहीं जाता बिछड़ कर भी बिछड़ जाने का ये डर क्यों नहीं जाता अगर यह ज़ख़्म भरना है, तो फिर भर क्यों नहीं जाता अगर यह जानलेवा है, तो मैं मर क्यों नहीं जाता अगर तू दोस्त है तो फिर ये ख़ंज़र क्यों है हाथों में अगर दुश्मन है …

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ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तक

•  कुँअर बेचैन जन्म: 01 जुलाई 1942 ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तक चाँदनी चार क़ंदम, धूप चली मीलों तक प्यार का गाँव अजब गाँव है जिसमें अक्सर ख़त्म होती ही नहीं दुख की गली मीलों तक प्यार में कैसी थकन कहके ये घर से निकली कृष्ण की खोज में वृषभानु-लली मीलों तक घर से निकला तो …

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को काहू को भाई

•  नानकदेव जन्म: संवत् १५२६,कार्तिक पूर्णिमा निधन: संवत् 15९६ हरि बिनु तेरो को न सहाई। काकी मात-पिता सुत बनिता, को काहू को भाई॥ धनु धरनी अरु संपति सगरी जो मानिओ अपनाई। तन छूटै कुछ संग न चालै, कहा ताहि लपटाई॥ दीन दयाल सदा दु:ख-भंजन, ता सिउ रुचि न बढाई। नानक कहत जगत सभ मिथिआ, ज्यों सुपना रैनाई॥

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आ कि मेरी जान को क़रार नहीं है : ग़ालिब

• मिर्ज़ा असदुल्लाह खाँ ‘ग़ालिब’ जन्म : 27 दिसम्बर 1797 | निधन : 15 फ़रवरी 1869 आ कि मेरी जान को क़रार नहीं है ताक़ते-बेदादे-इन्तज़ार नहीं है देते हैं जन्नत हयात-ए-दहर के बदले नश्शा बअन्दाज़-ए-ख़ुमार नहीं है गिरिया निकाले है तेरी बज़्म से मुझ को हाये! कि रोने पे इख़्तियार नहीं है हम से अबस है गुमान-ए-रन्जिश-ए-ख़ातिर ख़ाक में उश्शाक़ की …

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हंगामा है क्यूँ बरपा

• अकबर इलाहाबादी जन्म: 16 नवम्बर 1846 निधन: 9 सितम्बर 1921 हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है ना-तजुर्बाकारी से, वाइज़[1] की ये बातें हैं इस रंग को क्या जाने, पूछो तो कभी पी है उस मय से नहीं मतलब, दिल जिस से है बेगाना मक़सूद[2] है उस …

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