चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र की परेशानियां देश की आर्थिक संभावनाओं पर खतरे में डाल रही हैं क्योंकि संपत्ति निवेश में गिरावट जारी है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुक्रवार को रिपोर्ट में बताया कि चीन के आसपास निर्माण स्थल कम व्यस्त दिखाई दे रहे हैं और अपार्टमेंट टावरों का निर्माण अपार्टमेंट की कीमतों में गिरावट के कारण लड़खड़ा गया है। चीन भर के 70 बड़े और मध्यम आकार के शहरों में नए अपार्टमेंट की कीमतों के लिए शुक्रवार को जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए, गोल्डमैन सैक्स ने गणना की कि अगस्त में कीमतों में 2.9 प्रतिशत की मौसमी समायोजित वार्षिक दर से गिरावट आई, जबकि जुलाई में यह 2.6 प्रतिशत थी।
इसके अलावा, डेटा से पता चलता है कि नए अपार्टमेंट की कीमत में गिरावट की गति और सीमा काफी कम है, हालांकि, स्थानीय सरकारों ने डेवलपर्स पर कीमतों में कटौती न करने के लिए भारी दबाव डाला है।
तियानजिन अनुसंधान फर्मु बेइके रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार चीन भर के 100 शहरों में मौजूदा घरों की कीमतें दो साल पहले के अपने चरम से अगस्त की शुरुआत तक औसतन 14 प्रतिशत गिर गईं। किराये में 5 फीसदी की गिरावट आई है। इसके अलावा, चीन का बैंकिंग सेक्टर डिफॉल्टरों से लिए गए कर्ज की अदायगी से भी जूझ रहा है क्योंकि बैंकों ने प्रॉपर्टी डेवलपर्स को जो कर्ज दिया था, वह डिफॉल्ट हो चुका है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, डिफॉल्टरों से ऋण की तत्काल अदायगी के पीछे मुख्य बाधा स्थानीय सरकारों और उनके वित्तीय सहयोगियों को दिए गए ऋण की भागीदारी है। केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने गुरुवार को घोषणा की कि वह बैंकों को छोटे भंडार अलग रखने और अधिक ऋण देना शुरू करने के लिए स्वतंत्र कर रहा है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम को व्यापक रूप से बांड के एक बड़े बैच को समायोजित करने के उद्देश्य से देखा गया था, जिसे स्थानीय और प्रांतीय सरकारें अपनी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के भुगतान के लिए जारी करेंगी। नोमुरा ने कहा कि अगस्त में खुदरा बिक्री एक साल पहले की तुलना में 4.6 प्रतिशत अधिक थी, क्योंकि ऊर्जा की बढ़ती कीमतों ने खुदरा बिक्री को बढ़ा दिया था। बता दें कि चीन में इस समय प्रॉपर्टी संकट के दौर से गुजर रही है। समय से परियोजनाओं के पूरा न होने के कारण घर खरीदार निरश हैं। अधूरी परियोजनाओं में अब वे पैसा लगाना बंद कर दिए हैं। निवेशकों या कहें घर की चाहत रखने वालों के पैसा न अदा करने से कई बिल्डर्स को कर्ज प्रबंधन में खासा परेशान होना पड़ रहा है ।चीन का ये आर्थिक संकट कहीं दूसरे देशों तक न पहुंच जाए।दुनिया में इस बात का भय है कि चीन का आर्थिक संकट वैश्विक अर्थव्यवस्था तक फैल सकता है।