इजरायल ने 13 जून को ईरान पर हमला किया तो उसने ना सिर्फ तेहरान के शासन बल्कि दुनिया को चौंका दिया। इसकी वजह ये थी कि इजरायल ने हमले शुरू करते ही ईरानी सेना के चीफ, IRGC के हेड और कई प्रमुख वैज्ञानिकों को मार डाला। इससे ईरान के अंदर ये डर बढ़ गया कि उनके सुप्रीम लीडर अली खामेनेई को भी मारा जा सकता है। इजरायल ने भी खामेनेई को मारने का प्लान बनाया था। इजरायल की सेना (IDF) और खुफिया एजेंसी मोसाद ने इसके लिए कोशिश भी की लेकिन खामेनेई ने 12 दिन के इस युद्ध में खुद को बचाने में कामयाबी हासिल की। खामेनेई ने एक सीक्रेट ठिकाने पर शरण लेकर खुद को बचाया।
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने खुलासा किया है कि उनकी सेना अपने ऑपरेशन के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को मारना चाहती था लेकिन उन्हें ऐसा करने का अवसर नहीं मिल सका। इसकी वजह युद्ध शुरू होने के बाद खामेनेई का ऐसी लोकेशन पर चला जाना था, जिसे इजरायली तलाश नहीं सके। युद्धविराम के बाद खामेनेई ने टेलीविजन पर कहा कि ईरान कभी भी अमेरिका और इजरायल के सामने नहीं झुकेगा।
बंकर में रह रहे थे खामेनेई – इजरायल के ईरान पर हमले शुरू होने के बाद अली खामेनेई तेहरान के पूर्वोत्तर उपनगर में एक बंकर में छिप गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने कमांडरों के साथ सभी इलेक्ट्रॉनिक संचार बंद कर दिए थे। सुरक्षाकर्मी, नजदीकी लोगों और परिवार को ही उनकी लोकेशन की जानकारी थी। फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बंद होने से उनकी लोकेशन को ट्रेस करना तकरीबन नामुमकिन काम था। ऐसे में इजरायल उनको नहीं तलाश सका।
इजरायल काट्ज ने चैनल 13 के साथ बात करते हुए कहा कि ये सही है कि हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे। अगर वह हमारी नजरों में आते तो हम उन्हें जरूर निशाना बनाते लेकिन हम उनको तलाशने में नाकाम रहे। काट्ज ने ये माना कि ईरान के सर्वोच्च नेता को हत्या के लिए टारगेट किया गया था लेकिन इजरायल उन्हें खोजने में असमर्थ था।
Home / Uncategorized / खामेनेई ने 12 दिनों तक खुद को इजरायल से कैसे बचाया, ईरानी सुप्रीम लीडर के इस दांव के चलते नहीं ढूंढ़ सकी मोसाद, जानें