दुनिया में विकास के कई पैमाने हैं। कोई देश कितनी तरक्की कर रहा है, इसका आकलन करने के लिए GDP, per capita income, क्रय शक्ति समता (पीपीपी) जैसे कई संकेतक हैं। इन सबके बीच किसी देश के लोग कितना विकास कर रहे हैं यह जानने का एक और पैमाना लोकप्रिय हो रहा है- इनकम पर ऑवर वर्क यानी प्रति घंटे काम की आय। इस मामले में नॉर्वे दुनिया का सबसे विकसित देश है। हालांकि GDP, per capita income और पीपीपी के मामले में लग्जमबर्ग को दुनिया का सबसे विकसित देश माना जाता है।
अर्थव्यवस्था को जब अलग-अलग पैमानों पर देखते हैं तो देशों के वास्तविक हालत का सही अंदाजा हो पाता है। विकसित माने जाने वाले देश भी कई पैमानों पर पिछड़े हैं, जैसे मार्केट एक्सचेंज के आधार पर देखें तो अमेरिका सबसे अमीर देश नजर आएगा, लेकिन per capita income के आधार पर यह 7वें नंबर पर है। पीपीपी के मामले में और पीछे 8वें नंबर पर है। काम के घंटों के आधार पर अमेरिका 11वें नंबर पर है। यहां छुट्टियां कम हैं और काम के घंटे ज्यादा। जाहिर सी बात है लोगों पर काम का दबाव ज्यादा है। इसलिए अमीरी और समृद्धि का लुत्फ नहीं ले पाते।
चीन इस वक्त दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन पीपीपी में यह 65वें नंबर पर है और काम के घंटों के आंधार पर 96वें नंबर पर है। GDP के मामले में ऑस्ट्रेलिया दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन पीपीपी में 18वें नंबर पर है, जबकि काम के घंटों के आधार पर यह 20वें नंबर पर है।
भारत 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था, प्रति व्यक्ति आय में 120वां – दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में 200 देशों की लिस्ट में 129वें नंबर पर है। वर्डोमीटर के हिसाब से प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत 120वें नंबर पर है। हफ्ते में काम के घंटे 48 तय हैं, लेकिन इससे ज्यादा काम करना पड़ता है।