
चीनी समुद्री कथित अनुसंधान पोत जियांग यांग होंग 03 मालदीव वापस लौट आया है। भारत की ओर से चीनी जहाज की माले में मौजूदगी पर एतराज को मालदीव की मोहम्मद मोइज्जू की सरकार ने दरनिकार करते हुए फिर से इसको एंट्री दे दी है। न्यूज पोर्टल अधाधु डॉट कॉम के मुताबिक गुरुवार सुबह चीनी जहाज थिलाफुशी औद्योगिक द्वीप के बंदरगाह पर खड़ा किया गया था। मालदीव की मुइज्जू सरकार ने जहाज को डॉक करने की अनुमति की पुष्टि की है लेकिन इसकी वापसी की वजह का खुलासा नहीं किया है।
मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सीमा के पास लगभग एक महीना बिताने के बाद जहाज पहली बार 22 फरवरी को माले पहुंचा था। छह दिन बाद जहाज वापस ईईजेड सीमा पर चला गया। जहाज अब ईईजेड को पार करने के बाद वापस आ गया है। जियांग यांग होंग 03 जनवरी से मालदीव क्षेत्र के अंदर या उसके आसपास सक्रिय है। ये जहाज हिन्द महासागर में काफी समय बिताने के बाद फरवरी में मालदीव पहुंचा था और करीब एक हफ्ते बाद लौट आया था। भारत की चिंताओं के बावजूद चीन के करीबी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इसको फिर से इजाजत दे दी है।
जाससी के लिए बदनाम है ये जहाज – ये चीनी जहाज जासूसी के लिए बदनाम रहा है। इसको एंट्री देने की इजाजत पर मालदीव के विदेश मंत्रालय ने 23 जनवरी को जारी बयान में कहा था कि चीन की सरकार द्वारा मालदीव की सरकार से पोर्ट कॉल करने और कर्मियों के रोटेशन के लिए आवश्यक मंजूरी के लिए एक राजनयिक अनुरोध किया गया था। रक्षा मंत्री घासन मौमून ने बीते माह, मार्च में संसद में कहा था कि चीनी पोत मालदीव के जलक्षेत्र के अंदर कोई शोध नहीं करेगा। उन्होंने साफ किया था कि मालदीव क्षेत्र में कोई शोध करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
चीन के स्टेट ओशनिक एडमिनिस्ट्रेशन (एसओए) के अनुसार, जो जियांग यांग होंग 03 जहाज समुद्री अनुसंधान के लिए देश में निर्मित सबसे आधुनिक जहाज है। चीन का कहना है कि यह एक व्यापक अनुसंधान पोत है, जिसका अर्थ है कि यह एक से अधिक कार्यों के लिए सुसज्जित है। इसकी सहनशक्ति 15,000 समुद्री मील है, इसका मतलब है कि यह बिना किसी सहायता के अपने काम के लिए 15,000 समुद्री मील की यात्रा बिना रुके कर सकता है। इसमें तेज हवाओं और समुद्री धाराओं के बावजूद अपनी जगह पर स्थिर रहने की क्षमता है। इसके अलावा यह एक जगह पर रहकर थ्रस्टर्स का उपयोग करके 360 डिग्री तक घूमने की क्षमता रखता है।
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