पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कथिततोौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल के प्रशंसकों में से एक माने जाते हैं। भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल में बंद इमरान खान भारत और अरविंद केजरीवाल से इतने प्रभावित हैं कि उन्होंने पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में भी केजरीवाल का नाम ले लिया लेकिन उनकी कोई भी कोशिश काम नहीं आई और आखिरकार उनकी मांग भी अदालत ने खारिज कर दी।
दरअसल, इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीवी को गैर कानूनी शादी करने के जुर्म में 7 साल की सजा सुनाई गई है। बुशरा बीवी की पहले पति खावर फरीद मानेका ने रावलपिंडी कोर्ट में अर्जी लगाई थी और दावा किया था कि इमरान से रिश्ते के वक्त बुशरा का इद्दत का समय चल रहा था ऐसे में वे दूसरे किसी मर्द से शादी नहीं कर सकतीं। लेकिन इमरान ने इसी बीच निकाह किया जो पाकिस्तान के कानून के मुताबिक अपराध की श्रेणी में आता । इद्दत इंतजार की अवधि है जब किसी महिला का तलाक हो जाता है, तो वह 4 महीने तक इंतजार करती है। इस बीच वह किसी मर्द से रिश्ता नहीं बना सकती। इसका मकसद ये पता करना होता है कि कहीं महिला पहले पति से प्रेग्नेंट तो नहीं है लेकिन इमरान खान ने इंतजार नहीं किया और इद्दत के बीच ही शादी कर ली।
मामला कोर्ट पहुंचा, तो दोनों पर आरोप सच साबित हो गए इसके बाद अदालत ने इमरान खान और उनकी पत्नी दोनों को दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई और दोनों पर 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया। इमरान खान पिछले महीने एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे तब उन्होंने अपने साथ दुर्व्यवहार की शिकायत अदालत से की थी। इस दौरान इमरान ने भारत से सीख लेने की दलील भी दी थी। इमरान ने कोर्ट में कहा था कि भारत में लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल को वहां की सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया, ताकि वे अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर सकें, लेकिन हमें (इमरान खान) पाकिस्तान में अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। हमें भारत से, वहां की अदालतों से कुछ सीखना चाहिए, यहां अघोषित मार्शल लॉ लगा हुआ है।