
विवादित दक्षिण चीन सागर में टकराव को रोकने के लिए फिलीपीन और वियतनाम के बीच मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनांडो मार्कोस जूनियर की हनोई यात्रा के दौरान हुआ। दक्षिण चीन महासागर नौवहन के लिए सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। इसको लेकर फिलीपीन और वियतनाम सहित कई देशों का चीन के साथ समुद्री विवाद जारी है। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है।
इतना ही नहीं, चीन और फिलीपीन के जहाजों के बीच पिछले एक साल से विवादित जल क्षेत्र में टकराव देखने को मिल रहा है, जिससे तनाव के व्यापक होने की आशंका भी बढ़ गई हैं। फिलीपीन सरकार ने एक बयान में कहा कि वह और वियतनाम समुद्री मुद्दों पर समन्वय को बढ़ाने और विश्वास तथा भरोसे के साथ काम करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गए हैं।
उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी कि समझौते के तहत वे क्या-क्या कदम उठायेंगे। मार्कोस ने अपने वियतनामी समकक्ष वो वान थुओंग के साथ बैठक के दौरान दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के क्षेत्रीय समूह का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वियतनाम आसियान क्षेत्र में फिलीपीन का एकमात्र रणनीतिक साझेदार बना हुआ है।” उन्होंने कहा कि जहां समुद्री सहयोग इस साझेदारी की ‘‘नींव” है, इस कदम से दोनों देशों के बीच संबंधों का विस्तार हुआ है।
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