
पिछले दिनों जिम्बाब्वे और मोजांबिक में इदाई तूफान से सैकड़ों लोगों की जान चली गई और कई लोग बेघर हो गए। दुनियाभर की सरकारों और गैर सरकारी संगठनों ने तूफान प्रभावित लोगों की मदद की। इस दौरान जिम्बाब्वे में एक बुजुर्ग सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। कप्लेकेडेस डिलन (71) नाम की यह औरत सिर पर बोरी रखकर करीब 10 किमी पैदल चलकर चक्रवात पीड़ितों की मदद करने पहुंच गईं।
डिलन की बोरी में कपड़े और खाने-पीने का सामान था। उनकी सिर पर बोरी रखी फोटो चर्चा का विषय बन गई। जिम्बाब्वे के एक अरबपति स्ट्राइव मसीयिवा ने कहा कि डिलन देश में जहां जहां चाहें, उनके लिए वहां घर बनवा दिया जाएगा। मसीयिवा ने यह भी कहा कि लोगों के प्रति दया दिखाने के जितने भी मामले मैंने देखे हैं, यह उनमें सबसे अलग है। सिर पर बोरी रखे हुए डिलन हरारे के प्रेसबाइटेरियन चर्च पहुंची थीं। यहां कई वॉलंटियर्स इदाई के पीड़ितों की मदद के लिए सामान जुटा रहे थे। चर्च द्वारा ही सिर पर बोरी रखे हुए डिलन की फोटो जारी की गई।
10 किमी दूर से वह पैदल इसलिए आईं क्योंकि उनके पास गाड़ी से आने के पैसे नहीं थे। डिलन के मदद के इस भाव को जिम्बाब्वे में काफी सराहा जा रहा है। मसीयिवा एक टेलीकॉम एग्जीक्यूटिव हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में डिलन को ताउम्र एक हजार डॉलर (करीब 70 हजार रुपए) महीना देने का भी ऐलान किया है। मसीयिवा के मुताबिक- डिलन की जब फोटो सामने आई तो मैंने उनका पता लगाया। मैंने उनसे कहा कि अगर संभव हो तो मुझसे आकर मिलें। सबसे पहले तो मैं उनके लिए प्रार्थना करूंगा। वे देश में जहां भी चाहें, मैं उन्हें घर बनाकर दूंगा।
घर में सौर ऊर्जा और पानी की पर्याप्त व्यवस्था होगी। डिलन ने बताया- मैंने रेडियो पर तूफान पीड़ितों की मदद को लेकर अपील सुनी। मैंने कुछ दिन पहले ही सामान खरीदा था। उसे बोरी में पैक किया और दूसरे दिन ही उसे पहुंचाने के लिए निकल पड़ी। मसीयिवा की कंपनी ने भी जमकर मदद दी। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों की मदद करने के लिए कंपनी जानी जाती है।
वह कहते हैं कि जो लोग किसी की परेशानी में मदद के लिए आगे आते हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं। यह मायने नहीं रखता कि आपने कितनी मदद की। दूसरों की मदद करेंगे तो ईश्वर आपकी मदद करेगा। इदाई तूफान के चलते जिम्बाब्वे, मलावी और मोजांबिक में काफी तबाही हुई थी। दुनियाभर के देशों और मदद समूहों ने सहायता भेजी। अनुमान के मुताबिक- तूफान में 750 से ज्यादा लोग मारे गए। बीरा शहर 90% नष्ट हो गया।
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