
इजरायल ने ईरान पर हवाई हमलों के लिए अपने लड़ाकू विमानों को कई देशों की सीमाओं से गुजारा। इस दौरान इजरायली लड़ाकू विमानों को किसी भी देश ने चैलेंज नहीं किया। इस बदौलत इजरायली लड़ाकू विमानों ने लगातार 12 दिनों तक ईरान के अलग-अलग इलाकों पर भीषण बमबारी की और सुरक्षित वापस भी लौट गए।
इजरायल ने ईरान पर हमले के लिए कई देशों की हवाई सीमाओं का इस्तेमाल किया था। हालांकि, इनमें से अधिकतर देशों के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वो इजरायली लड़ाकू विमानों या मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर अपनी हवाई सीमा में घुसने से रोक सकें। लेकिन, इमसें एक देश ऐसा भी था, जिसने जानबूझकर अपनी हवाई सीमा को खुला छोड़ दिया। इससे इजरायली लड़ाकू विमानों ने उस देश की हवाई सीमा से होकर सैकड़ों बार उड़ानें भरी और ईरान पर जमकर बमबारी की। यह देश कुछ समय पहले तक ईरान का सबसे बड़ा सहयोगी था, लेकिन तख्तापलट के बाद अब हालात बदल चुके हैं।
ईरान का सबसे करीबी दोस्त था सीरिया – इजरायल के मददगार बने इस देश का नाम सीरिया है। सीरिया में कुछ महीने पहले तक बशर-अल-असद की सरकार थी, जिन्हें ईरान का प्रबल समर्थक माना जाता था। उनके शासनकाल में सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष कमांडर और खुफिया एजेंटों की भरमार रहती थी। इस कारण इजरायल लगातार सीरिया में ईरानी ठिकानों पर हवाई हमले करता रहता था। लेकिन, अल-असद सरकार के पतन के बाद सीरिया के हालात बदल गए हैं और अब इस देश में एक ईरान विरोधी सरकार काबिज है, जिसका नेतृत्व पूर्व अल कायदा आतंकवादी अहमद अल-शरा कर रहे हैं।
सीरिया ने क्यों की इजरायल की मदद – हाइफा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमात्ज़िया बारम ने गुरुवार को प्रकाशित मारिव के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि अहमद अल-शरा ने कई कारणों से ईरान में इजरायली अभियान में हस्तक्षेप नहीं किया, उनमें से सबसे प्रमुख कारण यह है कि हमलों से उनके नवगठित शासन को लाभ हुआ। जब इजरायली विमानों ने सीरिया के माध्यम से 12 दिनों तक ईरान पर हमले कए, तो तेहरान ने अभियान की बारीकी से निगरानी की, जैसा कि दमिश्क में सीरियाई नेता अहमद अल-शरा के कार्यालय ने किया था। बारम के अनुसार, सीरियाई नेता द्वारा निकाले गए निष्कर्ष आने वाले वर्षों के लिए इजरायल की उत्तरी सीमा को स्थिर करने में मदद कर सकते हैं।
ईरान पर हमले से सीरिया में खुशी – बारम ने कहा, “अगर मैं अल-शरा की जगह होता, तो मैं अपने लोगों से कहता कि भले ही मैं इजरायली वायु सेना के लिए इसे मुश्किल बना सकता हूं, लेकिन मुझे ऐसा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे इस बात में दिलचस्पी होती कि इजरायली जितना संभव हो सके ईरान पर हमला करें।” उन्होंने बताया कि इसमें सीरियाई हित स्पष्ट है: ईरान पर कोई भी प्रहार सीरिया में नए शासन के सबसे बड़े रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी को कमजोर करता है। बारम ने जोर देकर कहा, “ईरान पर हर प्रहार अल-शरा के शासन के लिए शुद्ध लाभ है।”
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