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32 साल से चोक करने वाली साउथ अफ्रीका ने कैसे मारा मैदान, इन 5 कारण से समझिए


साउथ अफ्रीका हमेशा से एक मजबूत क्रिकेट टीम रही है। इसके बाद भी कभी वर्ल्ड कप के फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी। अफगानिस्तान को हराकर साउथ अफ्रीका ने अब टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में जगह बना ली है।
साउथ अफ्रीका ने 1992 में पहली बार वर्ल्ड कप खेला था। अभी तक 5 बार टीम वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंची है। इससे पहले दो बार टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल भी खेल चुकी थी। इन 7 बार में साउथ अफ्रीका एक बार भी जीत हासिल कर फाइनल में नहीं पहुंच पाई। उसके चोकर्स का टैग भी मिल गया। अब आखिरकार साउथ अफ्रीका ने टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बना ली है। अफगानिस्तान को आसानी से मात देकर एडेन मार्करम की कप्तानी वाली इस टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया।
​हर परिस्थिति के लिए बल्लेबाज​ – साउथ अफ्रीका के पास हर परिस्थिति के हिसाब से बल्लेबाज हैं। डिकॉक, क्लासेन, स्टब्स और मिलर विस्फोटक बल्लेबाज हैं तो मार्करम और हेंड्रिक्स पारी संभाल सकते हैं। निचले क्रम में मार्को यानसेन भी बल्लेबाज से छाप छोड़ सकते हैं।
​बॉलिंग में वेराइटी​ – साउथ अफ्रीका की टीम का हर गेंदबाज एक दूसरे से अलग है। यानसेन बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। उन्हें स्विंग और बाउंस मिलता है। नोर्तजे के पास स्पीड है। रबाडा स्विंग करवाते हैं। केशव महाराज फिंगर स्पिनर हैं तो शम्सी चाइनामैन। जरूरत पड़ने पर कप्तान मार्करम भी 4 ओवर डाल सकते हैं।
​एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं​ – साउथ अफ्रीका किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है। यह एक चैंपियन टीम की खासियत है। हर मैच में टीम को नया मैच विनर मिल रहा है। ओट्टनील बॉर्टमैन और गेराल्ड कोएट्जी जैसे तेज गेंदबाज बेंच पर बैठे हैं।
​मार्करम की कप्तानी​ – एडेन मार्करम के रूप में साउथ अफ्रीका के पास कमाल का कप्तान है। वह साउथ अफ्रीका की लीग एस20 को दो बार जीत चुके हैं। अंडर-19 वर्ल्ड कप का भी खिताब उनके पास है। गेंदबाजी चेंज से लेकर फील्डिंग प्लेसमेंट तक, मार्करम हर जगह कमाल कर रहे हैं।
​दबाव में खुद को संभाला​ – साउथ अफ्रीका दबाव में बिखरने के लिए जानी जाती है। लेकिन इस टी20 वर्ल्ड कप में ऐसा नहीं हुआ है। ग्रुप राउंड में बांग्लादेश और नेपाल के खिलाफ टीम ने आखिरी गेंद पर जीत हासिल की। वेस्टइंडीज के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में भी टीम ने आखिरी ओवर में जीत हासिल की थी।