
सनाः यमन में गुरुवार को हुए सऊदी अरब गठबंधन सेना के हवाई हमले की चपेट में एक स्कूल बस आ गई। इसमें 29 बच्चों समेत करीब 50 लोगों की मौत हो गई। 77 लोग घायल हुए, जिनमें 30 बच्चे शामिल हैं।
हूती विद्रोही नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ये बच्चे सादाह इलाके में घूमने निकले थे। हमले के वक्त बस बाजार में पानी और नाश्ता लेने के लिए रुकी हुई थी। इंटरनेशनल रेड क्रॉस कमेटी (आईआरसीसी) की प्रवक्ता मिरेला होदेब ने 15 साल से कम उम्र के 29 बच्चों के शव मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अस्पताल में काफी भीड़ हो गई।
सऊदी गठबंधन सेना के प्रवक्ता कर्नल तुर्की अल-मलिकी ने कहा कि मिसाइल का निशाना बस में सवार बच्चे नहीं थे। टारगेट तय करते वक्त हम मानक के तहत काम करते हैं। उन्होंने हूती विद्रोहियों पर आतंकियों को बचाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए। वहीं सऊदी प्रेस एजेंसी अल मलिकी की ओर से कहा गया है कि सादाह प्रांत में एक वैध सैन्य कार्रवाई थी, जिसका मकसद एक दिन पहले जिजान में आम लोगों को निशाना बनाने वालों को मारना था।
यमन में 2015 की शुरुआत से जंग छिड़ी हुई है। हूती विद्रोहियों (शिया) के कब्जे में पश्चिमी यमन का ज्यादातर हिस्सा है। राष्ट्रपति अब्द्राबूह मंसूर को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया। हूती विद्रोहियों को हटाने के लिए सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सात अन्य अरब देशों की सेनाएं संयुक्त अभियान चला रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, यमन में चल रही जंग में अब तक 10 हजार लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें दो तिहाई सिविलियंस है। 55 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। यमन में दो करोड़ 20 लाख लोगों को मदद की जरूरत है। करीब 10 लाख लोग हैजे की चपेट में हैं।
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