मुंबई। वह दुनिया की नजरों से दूर अपनी मासी की कड़ी देखरेख में एक बुलबुले में बड़ी हुई। उसे घर पर ही पढ़ाया गया और इसलिए अप्पू अपने निम्न मध्यमवर्गीय बंगाली परिवार और घर की चारदीवारी से कभी बाहर ही नहीं आ पाई। अपनी रगों में दौड़ते जहर से अनजान वह जिंदगी को भरपूर अंदाज में जीना चाहती है और …
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