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Spirituality

एक ही समय पर जन्म लेने वाले प्राणियों का भाग्य जुदा क्यों होता है

इस संसार में जितने प्राणी हैं वे अपने-अपने कर्मों के अनुसार सुख और दुख भोगते हैं और केवल ज्ञान ही उनके सुख में वृद्धि एवं दुख में कमी कर सकता है। यह ज्ञान, हमारे पूर्वजों का वह अथाह परिश्रम है जिसके अनुसार उन्होंने पूरे खगोल को मापा, ब्रह्मांड और एक-एक ग्रह तथा नक्षत्र का अध्ययन किया और उस फलित ज्योतिष …

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ISKCON Celebrating its 50th Birthday in New Zealand

By – Jagjeevan Das (Jagdish Prasad)  The International Society for Krishna Consciousness (ISKCON), commonly known as the Hare Krishna Movement is now inching to complete 50 years of its existence in July 2016. The history of ISKCON had marked its inception from 1965, when a 69 year-old spiritual teacher (A.C Bhaktivedanta Swami Prabhupada, the founder Acarya) had made his way to …

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मैं कौन हूं? – ओशो

– ओशो मैं कौन हूं?’ इसका कोई उत्तर नहीं है; यह उत्तर के पार है। तुम्हारा मन बहुत सारे उत्तर देगा। तुम्हारा मन कहेगा, तुम जीवन का सार हो। तुम अनंत आत्मा हो। तुम दिव्य हो,’ और इसी तरह के बहुत सारे उत्तर। इन सभी उत्तरों को अस्वीकृत कर देनाहै ः नेति नेति–तुम्हें कहे जानाहै, “न तो यह, न ही …

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श्रद्धा की पराकाष्ठा है …….कुंभ स्नान

उज्जैन, दूसरे शाही स्नान में श्रद्धा की पराकाष्ठा ने सिंहस्थ को अद्भुत बना दिया. श्रद्धा के सैलाब ने आमजन को ही नहीं पुलिस-प्रशासन तक को अचंभित कर दिया. करीब 75 लाख श्रद्धालुओं ने सभी साधु-संतो के सानिध्य में मां शिप्रा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया. महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि तीन दिन पूर्व की भांति प्रकृति आज भी रूठी,करीब …

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9 मई स्पेशल: घर में ये रखने से आप भी बन सकते हैं धनवान

वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया या आखा तीज का पर्व मनाया जाता है। इसे सौभाग्य दिवस भी कहा जाता है। 2016 में यह पर्व 9 मई, सोमवार को है। अक्षय तृतीया महालक्ष्मी के प्रिय दिनों में से एक है। माना जाता है की इस दिन किया गया पूजन और दान अक्षय गुणा अधिक फल …

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देवताओं को स्वर्ग का स्वामी बनाने के लिए भगवान बने स्त्री

एक दिन ऐरावत पर भ्रमण करते हुए देवराज इंद्र से मार्ग में महर्षि दुर्वासा मिले। उन्होंने इंद्र पर प्रसन्न होकर उन्हें अपने गले की पुष्पमाला प्रसाद रूप में प्रदान की। इंद्र ने उस माला को ऐरावत के मस्तक पर डाल दिया और ऐरावत ने अपनी सूंड से उसे नीचे डालकर पैरों से कुचल दिया। अपने प्रसाद का अपमान देखकर महर्षि …

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पूजा करते समय किए गए ये काम घर में लाते हैं दरिद्रता

प्रतिदिन लगभग हर घर में पूजन करते समय अगरबत्ती का प्रयोग किया जाता है लेकिन केवल खुशबू देखकर उसे न खरीदें। धर्म शास्त्रों के अनुसार बांस से निर्मित अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए इससे घर में दुर्भाग्य का संचार होता है। लकड़ी की अगरबत्ती अथवा धूप जलानी चाहिए। धूपदान, दीपदान करने के बाद माचिस की तीली को फूंक मारकर बुझाना उन्हें …

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कुंभ में स्नान का महत्व ?

शरीर की शुद्धि के लिए स्नान का महत्व है। शास्त्रों में 4 प्रकार के स्नान वर्णित हैं- भस्म स्नान, जल स्नान, मंत्र स्नान एवं गोरज स्नान। आग्नेयं भस्मना स्नानं सलिलेत तु वारुणम्। आपोहिष्टैति ब्राह्मम् व्याव्यम् गोरजं स्मृतम्।। मनुस्मृति के अनुसार भस्म स्नान को अग्नि स्नान, जल से स्नान करने को वरुण स्नान, आपोहिष्टादि मंत्रों द्वारा किए गए स्नान को ब्रह्म …

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उज्जैन में शाही स्नान के साथ सिंहस्थ कुंभ मेले का हुआ आरंभ

उज्जैन : क्षिप्रा नदी में शाही स्नान के लिए आज सुबह जूना अखाड़ा के साधु संतों के पहुंचने के साथ ही हिंदुओं का सबसे बड़ा समागम और एक माह तक चलने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला यहां शुरू हो गया। भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में हर 12 साल के अंतराल में एक बार होने वाले सिंहस्थ मेले में पवित्र स्नान करने …

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रामायण और महाभारत की यह 10 बातें आपस में म‌िलती हैं

रामायण और महाभारत दो महाग्रंथ हैं और इनके ल‌िखे जाने का समय भी अलग-अलग है। एक ग्रंथ का संबंध त्रेतायुग से है जबक‌ि दूसरे का संबंध द्वापर युग है। लेक‌िन इन दोनों ग्रंथों में कुछ बातें ऐसी हैं जो काफी समान हैं और व‌िच‌ित्र भी। बस इनमें अंतर है तो पात्र और घटनाओं का। – सबसे पहले हम बात करते …

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