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टीनएज बच्‍चों को ये 6 आदतें सिखा दी तो पूरी जिंदगी करेगा आपको सलाम, सेहत और दिमाग दोनों रहेंगे फिट


टीनएज काफी नाजुक उम्र होती है। इस समय शरीर में ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी कई बदलाव चल रहे होते हैं। टीनएज उम्र में बच्‍चों को अपने परिवार और पैरेंट्स से ज्‍यादा अपने दोस्‍तों की कंपनी पसंद आती है। इस उम्र में बच्‍चे आसानी से बुरी आदतों जैसे कि अनहेल्‍दी डाइट, समय से पहले खाना, कभी भी सो जाना और स्‍क्रीन टाइम की कोई लिमिट ना होना। अगर आप इस समय अपने बच्‍चों को कुछ हेल्‍दी आदतें सिखा देते हैं, तो वो उसके साथ ताउम्र रह सकती हैं और उसकी जिंदगी को आसान बनाने का काम कर सकती हैं।
हेल्‍दी ईटिंग रूटीन – स्वस्थ भोजन का मतलब स्वस्थ भोजन बनाने तक ही सीमित नहीं है। इसमें आपको रोज एक ही समय पर खाना भी होता है। इसमें रोज नाश्ता करना, भोजन और नाश्ता समय पर करना, टीवी के सामने बैठकर खाना खाने की बजाय परिवार के साथ टेबल पर खाना, खाने के लिए खुद को पर्याप्त समय देना और जल्दबाजी में खाने से बचना शामिल है। रोज कम से कम आठ गिलास पानी पीना है।
किशोरावस्था में बच्चों को ऐसे दें अच्छी डाइट –
रोज एक्‍सरसाइज करना – टीनएज बच्‍चों को हर सुबह टहलने के लिए प्रोत्साहित करें, कोई आउटडोर गेम खेलें, ट्रैम्पोलिन पर कूदें और हर दिन तरोताजा और एक्टिव रहें। अपने किशोर बच्चे को घंटों टीवी के सामने बैठने या वीडियो गेम खेलने से रोकें। उनके लिए एक टाइम टेबल बनाएं जिसमें तय हो के उन्‍हें रोज किस समय और कितनी देर फिजिकल एक्टिविटी करनी है।
नियमित रूप से फ्लॉस करें – टीनएज बच्‍चों को बिस्तर पर जाने से पहले और जागने के बाद हर दिन दांतों को ब्रश करना सिखाएं। उन्हें एक या दो मिनट के लिए फ्लॉस करना सिखाएं। इससे उनकी ओरल हेल्‍थ ठीक रहेगी और मसूड़ों में संक्रमण नहीं होगा। इससे बच्‍चे के दांत भी स्‍वस्‍थ रहेंगे।
गुड स्‍लीपिंग रूटीन बनाएं – एक अच्छे स्‍लीपिंग रूटीन का पालन करने से किशोर को तरोताजा और फिट रहने में मदद मिलेगी। किशोरों को रूटीन में समय पर सोने और जागने का नियम बनाने के लिए कहें। सोने से पहले स्वस्थ और हल्का भोजन करना है, गुनगुने पानी से नहाना है, सुखद, सुकून देने वाला संगीत सुनना है, प्रतिदिन या लगभग एक ही समय पर बिस्तर पर जाना है। आपका बच्‍चा सोने से कम से कम 30 मिनट पहले कंप्यूटर, टेलीविजन, वीडियो गेम और फिल्में देखना बंद कर दे।
योग और मेडिटेशन – प्रतिदिन योग अभ्यास और ध्यान करने से आपके किशोर को सक्रिय रहने और फिट और अनुशासित जीवन शैली जीने में मदद मिल सकती है। योगासन और ध्यान किशोरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं और तनाव से निपटने में उनकी मदद करते हैं।
ज्‍यादा ऑनलाइन रहने से बचें – घंटों ऑनलाइन बिताने वाले किशोर इंटरनेट की लत के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इंटरनेट की लत से किशोरावस्था में संज्ञानात्मक कार्य बाधित हो सकता है और आपके किशोर की आंखों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए बच्‍चे को ऑनलाइन ज्‍यादा ना बैठने की सलाह दें।