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टीटीपी ने बढ़ाए हमले, अफगान तालिबान भी दिखा रहा आंख… पाकिस्तानी डिफेंस एक्सपर्ट ने शहबाज सरकार को धो डाला


पाकिस्तान में हालिया समय में आतंकी हमले बढ़े हैं। इससे पार पाने के लिए पाक सेना ने हाल ही में आतंकवाद विरोधी एक नया सैन्य अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। अज्म-ए-इस्तेहकम नाम के सैन्य अभियान का उद्देश्य टीटीपी जैसे आतंकी गुटों का पूरी तरह से खत्म करना है।
पाकिस्तान में हालिया समय में टीटीपी ने एक के बाद एक हमलों को अंजाम दिया है। खासतौर से पाक सेना और सुरक्षाबलों के ठिकाने इस संगठन के निशाने पर रहे हैं। पाकिस्तान का कहना है कि टीटीपी को अफगानिस्तान में पनाह मिल रही है। पाक सरकार के बार बार आग्रह के बावजूद काबुल की सत्ता पर काबिज तालिबान ने टीटीपी पर कोई कार्रवाई नहीं की है। अफगान तालिबान ने साफ कर दिया है कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। इससे दोनों मुल्कों के संबंध भी खराब हो रहे हैं। पाकिस्तान की पत्रकार आरजू काजमी ने रिटायर ब्रिगेडियर और डिफेंस एक्सपर्ट सैयद नाजिर से इस पूरे मुद्दे पर बात की है।
आरजू से बात करते हुए सैयद नाजिर ने कहा, ‘पाकिस्तान एक मुश्किल हालात में है। एक तरफ इंडिया और एक तरफ अफगानिस्तान से वह तल्ख रिश्तों का सामना कर रहा है। इंडिया से तो पुराने टाइम से संबंध खराब रहे हैं लेकिन अफगानिस्तान की वजह से हालात बदतर हो गए हैं। अफगानिस्तान की दिकक्त ये है कि वो देश बीते 40 साल से अस्थिर है। वहां कभी अमेरिका का कब्जा, कभी रूस का, कभी वहां इस्लामी शासन तो कभी लोतकंत्र की व्यवस्था आ रही है। अफगानिस्तान की स्थिति ये है कि अगर वहां विदेशी ना रहें तब भी लड़ाई नहीं रुकती है। वहां बने गुट आपस में लड़ने लगते हैं।’
‘पाकिस्तान को मजबूत कदम उठाने होंगे’ – सैयद नाजिर ने कहा कि अफगानिस्तान में टीटीपी जैसे संगंठनों की मौजूदगी को नकारा नही जा सकता है। टीटीपी और अफगान तालिबान तो एक दूसरे के काफी करीबी हैं। दोनों संगठन के लोग साथ में ट्रेनिंग तक करते रहे हैं। तालिबान के सरकार में आने से टीटीपी को साधी फायदा हुआ है। कई दूसरे देशों से भी उनको मदद और हथियार मिल रहे हैं। ये दिख भी रहा है कि बीते दो तीन साल से टीटीपी के पाकिस्तान में हमले बढ़ गए हैं।
आरजू काजमी ने सवाल किया कि अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में कैसे चीजें ठीक होंगी। इस पर सैयद नाजिर ने कहा कि पाकिस्तान से यकीनी तौर पर अफगानिस्तान और आतंकी संगठनों के बारे में पॉलिसी में गलतियां हुईं और इसको भुगतना भी पड़ रहा है। अब गलतियों पर रोने से अच्छा है कि आगे बढ़ा जाए। नाजिर ने कहा, ‘पाकिस्तान को स्थायी समाधान की तरफ सोचना चाहिए। तालिबान और टीटीपी का गठजोड़ तोड़ने के लिए सभी कोशिश करनी चाहिए। तालिबान को ये समझाया जाए कि यही आतंकी संगठन आपके लिए भी मुश्किल का सबब बनेंगे। ऐसे में मिलकर इनसे लड़ा जाए। सभी चैनल से तालिबान पर दबाव बनाना चाीहिए। सऊदी, यूएई और चीन के जरिए अफगान सरकार पर दबाव डाला जाना चाहिए और तालिबान को भरोसे में लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।