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पाकिस्तान में फिर हालात बेकाबू, इमरान खान के समर्थकों ने इस्लामाबाद को घेरा, इंटरनेट और ट्रेनें बंद


पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक बार फिर इमरान खान के समर्थक डेरा डालने को तैयार हैं। ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद को किले में तब्दील कर दिया है। ये कार्यकर्ता जेल में बंद इमरान खान की रिहाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वह हर परिस्थिति के लिए तैयार है।
पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने रविवार को ‘इस्लामाबाद की सुरक्षा’ का संकल्प लिया, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हजारों समर्थक भारी सुरक्षा बलों की तैनाती और मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर रोक के बीच विरोध प्रदर्शन करने के लिए संघीय राजधानी के लिए कूच कर रहे हैं।जेल में बंद 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री खान ने 13 नवंबर को, 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए ”अंतिम आह्वान” किया था। उन्होंने जनादेश की चोरी, लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की और कहा कि इसने ”तानाशाही शासन” को मजबूत किया है।
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने जनता से ”गुलामी की बेड़ियां तोड़ने” के लिए मार्च में शामिल होने का आह्वान किया है। गृह मंत्री ने डी-चौक का दौरा किया जहां खान की पार्टी प्रदर्शन करने की योजना बना रही है। डी-चौक कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों के करीब स्थित है जिनमें राष्ट्रपति आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय मौजूद है। इलाके की निगरानी के लिए पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के साथ रेंजर्स को तैनात किया गया है।
पाकिस्तान के गृहमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को धमकाया – नकवी ने मीडिया से कहा कि सरकार को सख्त सुरक्षा उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा, ”एक विकल्प यह है कि हम उन्हें आने दें और इस्लामाबाद को पंगु बना दें। दूसरा विकल्प इस्लामाबाद की सुरक्षा करना है।” गृहमंत्री ने कहा कि डी-चौक की ओर मार्च करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नाकेबंदी ”पिछली बार जितने बुरे नहीं थे” और सरकार असुविधा से जूझ रहे लोगों को यथासंभव राहत देने की कोशिश कर रही है।
नकवी ने कहा, ”जिस क्षेत्र में उन्होंने (पीटीआई ने) विरोध प्रदर्शन बुलाया है वह इस्लामाबाद का अति संवेदनशील इलाका है, जिसकी निगरानी आईजी (महानिरीक्षक) और डीआईजी (उप महानिरीक्षक) करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल सेवाएं अभी भी चालू हैं, हालांकि कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
नकवी ने विरोध प्रदर्शन के समय की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी उसी मार्ग का उपयोग कर रहे थे, जिससे बेलारूस के प्रतिनिधिमंडल को गुजरना है। उन्होंने कहा, ”यदि आप विरोध करना चाहते हैं तो यह आपका अधिकार है, लेकिन आपको पता है कि कौन आ रहा है और फिर भी आप सड़कें अवरुद्ध कर रहे हैं तथा परेशानी पैदा कर रहे हैं।” –
इस्लामाबाद के कई रास्ते बंद – सूचना मंत्री अत्ता तरार ने एक अलग बयान में कहा कि शहर में कुछ मार्ग बंद हैं, जबकि अन्य रास्ते अभी भी खुले हैं। उन्होंने कहा, ”शहर को बंद करने के लिए जिम्मेदार लोग पीटीआई के हैं।” सरकार ने सड़क पर अवरोधक लगाने की वजह से इस्लामाबाद में शैक्षणिक संस्थानों के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
इस बीच, खान के समर्थक अभी भी संघीय राजधानी से दूर हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि वे गंतव्य तक कब पहुंचेंगे। संघीय सरकार ने प्रदर्शन के मद्देनजर श्रीनगर राजमार्ग, जीटी रोड और एक्सप्रेसवे सहित पूरे शहर में मार्गों पर कंटेनर रख दिए हैं, जिससे डी-चौक, इस्लामाबाद हवाई अड्डे और न्यू मर्गल्ला रोड पर ए-11 प्वाइंट क्षेत्रों में आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता है। डी चौक के नजदीक ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय की इमारत है।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री भी इस्लामाबाद रवाना – इससे पहले दिन में इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व में एक काफिला पेशावर से इस्लामाबाद के लिए रवाना हुआ है। समाचार चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, बुशरा बीबी पेशावर से शुरू हुए काफिले का हिस्सा थीं, लेकिन खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। इससे पहले कहा गया था कि बुशरा बीबी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगी।
खैबर पख्तूनख्वा सरकार के प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि बाधाओं को हटाने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शनिवार रात पुलिस ने अवरोधक हटाने वाली मशीनरी पर गोलियां चलाईं और उसे आग लगाने की कोशिश की, लेकिन पीटीआई समर्थकों ने आगजनी की कोशिश को नाकाम कर दिया।