
अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए ऐंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर को पूरी तरह से मंजूरी दे दी है। कैलिफोर्निया के जिलियड साइंसेज (Gilead Sciences) की बनाई दवाई को अब तक सिर्फ कोविड-19 से गंभीर तरह से पीड़ित मरीजों के लिए ही इमर्जेंसी में इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी। यही दवा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दी गई थी जब वह कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए थे।
रेमडेसिविर ऐसी पहली दवा है जिसे स्वास्थ्य एजेंसियों ने अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों को देने के लिए मंजूरी दी है। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ की स्टडी में पाया गया था कि रेमडेसिविर से कोरोना वायरस मरीजों के अस्पताल में भर्ती रहने का दिन 5 दिन तक और मौत का रिस्क 30% तक कम हो गया।
कैसे काम करती है?
रेमडेसिविर को Gilead Sciences ने इबोला का इलाज करने के लिए विकसित किया था। यह उस एन्जाइम को ब्लॉक करती है जो कोरोना वायरस की कॉपी बनाने में मदद करता है। इसकी वजह से वायरस शरीर में फैल नहीं पाता। स्टडीज में पाया गया कि रेमडेसिविर ने SARS और MERS की ऐक्टिविटी को ब्लॉक किया।
रेमडेसिविर को 12 साल या उससे ऊपर की उम्र से ज्यादा के लोगों को पांच दिन के इलाज के दौरान 6 वायल में दिया जाता था। मई में दो स्टडी में पाया गया था कि रेमडेसिविर से अस्पताल में रहने का वक्त कम हो जाता है। इसके बाद FDA ने इमर्जेंसी में ड्रग के इस्तेमाल की इजाजत दी थी।
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