18 साल की लक्षिता संडीला (Laxita Sandila) पहली बार पिछले साल तब चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने फ्रांस में आईएसएफ वर्ल्ड स्कूल जिम्नेसियाड में दो सिल्वर मेडल जीते थे। बुधवार को इस मिडिल डिस्टेंस रनर ने दक्षिण कोरिया में एशियाई अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 1500 मीटर में गोल्ड पदक जीतकर एथलेटिक्स की दुनिया में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है। टैक्सी ड्राइवर विनोद की बेटी लक्षित वडोदरा की रहने वाली हैं। उन्हें अपने सपने को ट्रैक पर रखने के लिए आर्थिक तंगी का सामना किया है। विनोद की आमदनी मुश्किल से ही गुजारा कर पाती है। उनके लिए अपनी बेटी की ट्रेनिंग के लिए फंड जुटाना बड़ी चुनौती रही।
एनजीओ और कोच ने की लक्षिता की मदद – कुछ महीने पहले विनोद ने हमारे साथी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा था, ‘एथलेटिक्स महंगा है क्योंकि लक्षिता को ट्रेनिंग, बेहतर क्वालिटी के जूते और एक अच्छे फिजियो की भी जरूरत है। उनके शानदार प्रदर्शन और सफल होने की इच्छा को देखने के बाद कुछ एनजीओ ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। यहां तक कि उसके कोच रिप्पनदीप रंधवाना ने लक्षिता का काफी सपोर्ट किया।
माता-पिता को किया धन्यवाद – लक्षिता ने आत्मविश्वास के साथ स्टार्ट लाइन से शुरुआत की और दूसरे स्थान पर कुछ सेकंड के लिए पिछड़ रही थी, लेकिन जल्द ही वह अन्य लड़की से आगे निकल गई और फिनिश लाइन पर 4 मिनट और 24.23 सेकेंड में पहुंच गईं। उन्होंने अपने पिछले व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4:26.48 सेकेंड को दो सेकंड से अधिक के अंतर पीछे छोड़ दिया।
एशियाई गोल्ड जीतने के बाद लक्षिता ने अपने कोच, माता-पिता और सभी समर्थकों को धन्यवाद दिया। उनके पिता ने कहा- हमें उस पर बहुत गर्व है। वह इस टूर्नामेंट के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी, इसलिए हमें विश्वास था कि वह पदक लाएगी।
Home / Sports / पिता टैक्सी ड्राइवर, आर्थिक तंगी से बाद भी नहीं मानी हारी, अब बेटी ने विदेश में लहराया तिरंगा