
जब से फिनलैंड ने नाटो (Finland NATO Membership) में शामिल होने की इच्छा जताई है और आवेदन किया है, रूस के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। फिनलैंड ने सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए अपनी तटस्थ नीति को छोड़ दिया है, जो इस तनाव का मुख्य कारण है। लेकिन छोटा सा देश पुतिन की विशालकाय सेना से भयभीत नहीं है। फिनलैंड के सशस्त्र बलों के प्रमुख ने कहा है कि फिनलैंड रूसी हमले का सामना करने के लिए कई दशकों से तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हमला होता है तो देश उसका कड़ा प्रतिरोध करेगा।
जनरल टिमो किविनेन ने कहा कि नॉर्डिक देश ने एक बड़ा शस्त्रागार तैयार कर लिया है। लेकिन मिलिट्री हार्डवेयर से अलग फिनलैंड के लोगों को लड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। फिनलैंड ने अपने पूर्वी पड़ोसी रूस के साथ 1940 के दशक में दो युद्ध लड़े हैं। नाटो की तरफ फिनलैंड का झुकाव रूस के लिए चिंता का कारण इसलिए है क्योंकि दोनों के बीच 1300 किमी की जमीनी सीमा है। यूक्रेन पर हमले ने फिनलैंड की चिंता को बढ़ा दिया है और इसीलिए कभी गुटनिरपेक्ष देश ने नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।
‘यूक्रेन जैसे युद्ध से निपटने के लिए पूरी तैयारी’ : किविनेन ने कहा, ‘हमने यूक्रेन जैसे युद्ध से निपटने के लिए अपनी सैन्य रक्षा को व्यवस्थित रूप से विकसित किया है जिसमें गोलाबारी, बख्तरबंद बलों और वायु सेना का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल शामिल है।’ सोवियत सेना के खिलाफ युद्ध में फिनलैंड के एक लाख लोग मारे गए थे और इसे अपने क्षेत्र का दसवां हिस्सा गंवाना पड़ा था। 55 लाख की आबादी वाले फिनलैंड के पास वर्तमान में 280,000 सैनिकों की युद्धकालीन सेना की ताकत है जिसमें 870,000 रिजर्व सैनिक भी शामिल हैं।
रक्षा पर खर्च होता है जीडीपी का 2 फीसदी हिस्सा : फिनलैंड के पास यूरोप का सबसे मजबूत तोपखाना शस्त्रागार और 370 किमी तक की रेंज वाली क्रूज मिसाइलों का जखीरा मौजूद है। देश अपनी जीडीपी का 2 फीसदी हिस्सा रक्षा पर खर्च करता है जो कई नाटो देशों की तुलना में अधिक है। फिनलैंड चार नए युद्धपोतों के साथ अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन को 64 एफ-35 लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दे रहा है।
अगर हमला हुआ तो 82 फीसदी लड़ने के लिए तैयार : यह 2000 ड्रोन ऑर्डर करने और अपने खुद के उच्च ऊंचाई वाले एंटी-एयरक्राफ्ट उपकरण तैनात करने की योजना बना रहा है। साथ ही रूस के साथ अपनी सीमा पर बैरियर्स का निर्माण भी कर रहा है। 18 मई को रक्षा मंत्रालय के एक सर्वे में 82 फीसदी लोगों ने कहा कि अगर फिनलैंड पर हमला होता है तो वे देश की रक्षा में हिस्सा लेने के इच्छुक होंगे। किविनेन ने नाटो में शामिल होने के फैसले का स्वागत किया है।
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