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ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई दूसरे दिन भी धमाकेदार, एक ट्वीट से मचा हड़कंप


अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में महाभियोग जांच चल रही है। सार्वजनिक सुनवाई के दूसरे दिन भी इसकी शुरुआत बड़ी धमाकेदार रही। सुनवाई के दौरान ट्रंप कक्ष में मौजूद नहीं थे, इसके बावजूद वहां उनकी मौजूदगी महसूस की गई। सुनवाई टीवी पर लाइव चल रही थी। यूक्रेन के लिए अमरीका की पूर्व राजदूत मैरी योवानोविच जब सुनवाई के दौरान अपना बयान दे रही थीं, उसी वक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्विटर के ज़रिए उनपर हमला बोला। ट्वीट में उन्होंने मैरी योवानोविच पर सोमालिया में उथल-पुथल मचाने का आरोप लगाया।

उन्होंने लिखा, “हर जगह मैरी योवानोविच द्वेषपूर्ण होती है।सोमालिया में भी उन्होंने यही किया था। वहां क्या हुआ ?” उनके इस ट्वीट की जानकारी सभा में भी पहुंची। महाभियोग की जांच देख रही इंटेलिजेंस कमेटी के चेयरमैन एडम शिफ ने योवानोविच को इसकी जानकारी दी। इस पर योवानोविच ने कहा कि ये धमकी देने जैसा है।सोमालिया वाले आरोप पर उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता मेरे पास इतनी ताक़त है। न मोगादिशु में, न सोमालिया में और नहीं कहीं और।” उनका ये जवाब भी टीवी पर लाइव प्रसारित किया गया। चेयरमैन एडम शिफ ने भी कहा कि ट्रंप के ट्वीट को चश्मदीदों को डराने-धमकाने का तरीका कहा जा सकता है।

जबकि ट्रंप ने धमकाने के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। रिपब्लिकन सांसदों ने भी धमकाने के दावों को खारिज किया। ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने महाभियोग से जुड़ी सुनवाई देखी और “ये अपमानजनक है”। सांसद जिम जॉर्डन ने कहा, “चश्मदीद अपना बयान दे रही थी। अगर शिफ उन्हें ट्वीट पढ़कर नहीं बताते तो उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं चलता।” जांच में ये देखा जा रहा है कि क्या ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद इसलिए रोकी थी, क्योंकि वो अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी जो बाइडन के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच शुरू करनावा चाहते थे और इसी के लिए वो दबाव बना रहे थे।
हालांकि ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी ग़लत नहीं किया। उनका कहना है कि ये कार्यवाही “राष्ट्रपति का उत्पीड़न” करने के लिए हो रही है। मैरी योवानोविच को मई में यूक्रेन के राजदूत के पद से उस विवादित फोन कॉल के दो महीने पहले हटा दिया गया था, जिसकी वजह से ये जांच शुरू हुई है। मोटे तौर पर लिखी गई ट्रांसक्रिप्ट से पता चला कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलिन्स्की से बाइडन और उनके बेटे के खिलाफ आरोपों की जांच करने की अपील की थी।दरअसल वो यूक्रेन की एक गैस कंपनी के बोर्ड में शामिल थे।

क्या है मामला?
नेंसी पेलोसी ने 24 सितंबर को ट्रम्प पर महाभियोग जांच बैठाने की बात कही थी। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडाइमर जेलेंस्की पर डेमोक्रेट नेता जो बिडेन और उनके बेटे हंटर के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच कराने के लिए दबाव बनाया था। एक व्हिसलब्लोअर ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, ट्रंप कह चुके हैं कि वे जेलेंस्की के साथ फोन कॉल में हुई बातचीत का ब्योरा देने के लिए तैयार हैं।