वाशिंगटन: दुनिया के मात्र एक प्रतिशत लोग खुद को करोड़पति या अमीर कह सकते हैं लेकिन वे मिलकर संसार की आधी संपत्ति के मालिक हैं। एक अध्ययन के मुताबिक उनका हिस्सा बढ़ता ही जा रहा है। करीब एक करोड़ 85 लाख लोगों के पास कम से कम 10 लाख (1 मिलियन) डॉलर की संपत्ति है यानि कुल मिलाकर 7.88 खरब (78.8 ट्रिलयन) डॉलर जो कि दुनिया का सालाना आर्थिक उत्पादन है। ये जानकारी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की वैश्विक निजी संपत्ति पर सालाना रिपोर्ट में दी गई है।
ये संसार की कुल संपत्ति का 47 प्रतिशत भी है। ये जानकारी जमापूंजी, वित्तीय खाते, शेयर्स आदि के आधार पर है लेकिन इसमें रियल स्टेट शामिल नहीं है। बाकी पूरी संपत्ति संसार की 99 प्रतिशत जनसंख्या में बंटी हुई है।
अभिजात्य वर्ग ने तेजी से बढ़ई है अपनी संपत्ति
एक प्रतिशत वाले अभिजात्य वर्ग ने तेजी से प्रगति करते हुए अपनी संपत्ति 2013 के 45 प्रतिशत से बढ़ा कर पिछले साल 47 प्रतिशत कर ली है। ये दुनिया के अर्थशास्त्रियों की ‘वैश्विक आर्थिक असमानता’ को लेकर चिंता को बढ़ाने वाली है। संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे ज्यादा, करीब 80 लाख लोग, करोड़पति हैं। इसके बाद चीन में बीस लाख करोड़पति हैं और फिर जापान में 10 लाख करोड़पति हैं।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा तेजी से संपत्ति बढ़ी है
प्रति व्यक्त के लिहाज से लिकटेंस्टाइनऔर स्विट्जरलैंड में सबसे ज्यादा संपन्न लोग हैं। लेकिन पूर्वी एशिया में आर्थिक तेजी की वजह से एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा तेजी से संपत्ति बढ़ी है जहां पिछले पांच साल में 12.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है और 2020 तक इसके 10 प्रतिशत से अधिक हो जाने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले पचास सालों में एशिया प्रशांत क्षेत्र में दुनिया की कुल संपत्ति को 40 फीसदी हिस्सा होगा जिसमें अधिकांश चीन और भारत से होगा। इसके अलावा एशिया प्रशांत क्षेत्र सन 2017 में यूरोप को पीछे छोड़कर संसार का दूसरा सबसे अमीर इलाका हो जाएगा। अमेरिका और यूरोपीय देशों के कर चोरी रोकने ठोस प्रयासों के बावजूद ‘टैक्स हैवन’ वाले क्षेत्र ही संपत्ति के मामले में अभी भी प्राथमिक हैं। ये क्षेत्र जिन्हें ‘ऑफशोर टैक्स हैवन’ कहा जाता है करीब एक खरब (10 ट्रिलियन) डॉलर के मालिक हैं जो पिछले साल 3 प्रतिशत बढ़ा है। इनका सबसे बड़ा स्रोत लैटिन अमेरिका और मध्य पूर्व देश हैं। इन क्षेत्रों में आर्थिक और राजनैतिक तनावों के बावजूद इन्होंने संपत्ति हासिल करने में काफी तरक्की की है। स्विट्जरलैंड अभी भी संपत्ति का पैसा
जमा करने की प्रिय जगह है लेकिन सिंगापुर और हांगकांग अपना व्यापार तेजी से बढ़ा रहे हैं जहां ऐसी संपत्ति का 18 प्रतिशत हिस्सा है।