वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के तीसरे दिन अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) और शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) ने ऑस्ट्रेलिया की तूफानी पेस बोलिंग का डटकर सामना किया। इसके बूते भारत 296 के स्कोर तक पहुंच सका। हालांकि, बावजूद इसके भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के स्कोर से 173 रन पीछे छूट गई। ऑस्ट्रेलिया ने दिन का खेल खत्म होने तक 4 विकेट पर 123 रन बना लिए हैं। यानी उनके पास 296 रनों की बड़ी बढ़त हो गई है और अभी भी 6 विकेट बाकी हैं।
भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की ट्रॉफी जीतनी है तो इतिहास रचना पड़ेगा। यह मुकाबला लंदन के ओवल मैदान पर खेला जा रहा है। इस मैदान पर अभी तक किसी भी टीम ने इतना बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं किया है। द ओवल पर सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है। 1902 में यहां हुए मुकाबले में इंग्लैंड ने 263 रनों का सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल किया था। मेजबान टीम को उस मैच में 1 विकेट से जीत मिली थी।
1979 में बनते-बनते रह गया था इतिहास – 1979 में भारतीय टीम ने इंग्लैंड दौर पर ओवल में सीरीज का चौथा टेस्ट खेला था। टीम इंडिया के सामने 438 रनों का लक्ष्य था। सुनील गावस्कर ने चौथी पारी में 221 रन बनाए लेकिन भारतीय टीम 8 विकेट पर 429 रन ही बना पाई। इस तरह मुकाबला ड्रॉ रहा। अगर भारतीय टीम मैच को अपने नाम करती तो यह आज भी टेस्ट का सबसे सफल रन चेज होता। रोहित सेना को इसी मैच से प्रेरणा लेकर मैदान पर आना होगा।
Home / Sports / टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियनशिप बनने के लिए तोड़ना होगा 121 साल पुराना रिकॉर्ड, 1979 से लेनी होगी प्रेरणा