प्रीनेटल योगा होने वाली माओं के लिए बेहतरीन एक्टिविटी है। यह एक महिला को शारीरिक , मानसिक और हार्मोनल बदलाव से गुजरने के लिए तैयारी करता है। यहां कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताया गया है , जिन्हें करने से मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
गर्भावस्था और बच्चे को जन्म देना एक महिला के लिए दुनिया का सबसे सुंदर अनुभव है। हालांकि, होने वाली मां के लिए गर्भ में पल रहे शिशु का पालन पोषण करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। यह काम वास्तव में एक गर्भवती को शारीरिक और मानसिक रूप से थका सकता है। लेकिन सच तो यह है कि बच्चे को जन्म देने के लिए एक महिला को खुद को मजबूत और भावनात्मक रूप से तैयार करना पड़ता है। इन सबके लिए सबसे अच्छा तरीका है योग करना।
अगर आप गर्भवती हैं और अपने मन, शरीर और आत्मा को शांत रखने का आसान तरीका ढूंढ रहीं हैं, तो योग सबसे सेफ और सुरक्षित तरीका है। हर मां बनने वाली महिला डिलीवरी और उसकी प्रक्रिया को लेकर घबराई रहती है। ऐसे में प्रीनेटल योग बच्चे के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ आपको प्रसव के लिए तैयार करने में मदद करता है। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में कौन कौन से योग फायदेमंद हैं।
बटरफलाई पोज – इसे पूर्ण तितली आसन भी कहते हैं। गर्भावस्था के दौरान इसे करना सुरक्षित और फायदेमंद माना गया है। यह आसन पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में सर्कुलेशन बढ़ाता है और शरीर को ताकत देता है।
कैसे करें? इस आसन को करने के लिए पैरों को फैलाएं और तलवों को एक साथ लाएं। अब घुटनों को मोड़ें। फिर पैरों को अपने हाथों से मोड़ें और घुटनों को ऊपर नीचे हिलाना करना शुरू करें। सीधी बैठें और करीब 5 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें। अब पैरों को धीरे से फैलाएं।
कैट पोज – 0कैट पोज को मार्जरी आसन भी कहते हैं। गर्भावस्था के दौरान इस आसन को करने के कई फायदे हैं। यह आसन आपकी स्पाइन को लचीला बनाकर माइंड को रिलेक्स करता है। इतना ही नहीं कमर के दर्द को दूर करने के साथ आपके डाइजेशन को भी बेहतर बनाता है।
कैसे करें? इसे करने के लिए अपने हाथों और पैरों का ऐसा उपयोग करें कि आपकी पीठ एक टेबल की तरह बन जाए। अपने हाथों को फर्श पर रखें और कैट पोजीशन में आराम करें। जब आप सांस लें तो ठुड्डी को ऊपर उठाएं और धीरे से सिर को पीछे की तरफ और नाभि को नीचे की तरफ धकेलें। कुछ देर इसी पोजीशन में रहें और पहले जैसी पोजीशन में वापस आने से पहले लंबी और गहरी सांस लें।
चाइल्ड पोज – गर्भवती महिला को बालासन को दूसरी तिमाही में करने की सलाह दी जाती है। यह आसन बढ़ते बच्चे का वजन कूल्हे की हड्डियों से दूर करके पेट पर होने वाले दबाव को कम करने के लिए अच्छा है।
कैसे करें? सबसे पहले घुटने के बल एड़ियों पर बैठें। जांघों और घुटनों के बीच दूरी बनाएं। अब धीरे से माथे को जमीन से टच करें। अपनी भुजाओं को आगे की तरफ फैलाते हुए हथेलियों को फर्श पर रखें। धीरे-धीरे सांस लें। ऐसा करने से कूल्हे की हड्डियों से वजन कम हो जाएगा।
ब्रिज पोज – यह आसन एक पुल जैसा दिखता है, इसलिए इसे ब्रिज पोज कहते हैं। इसे करने के बाद गर्भवती को बैक मसल में बहुत सपोर्ट मिलता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास किया जाए, तो स्ट्रेस व एंग्जाइटी भी दूर हो जाती है।
कैसे करें? ब्रिज पोज करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ लें। अपने पैरों और हथेलियों को जमीन पर रखें। सांस भरते हुए कूल्हों को ऊपर की तरफ धकेलें। एक मिनट तक इस स्थिति में रहें और सांस छोड़ते हुए पहले जैसी पोजीशन में वापस आ जाएं।
कॉबलर पोज – यह आसन उन सभी महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं, जो आसान और फास्ट डिलीवरी चाहती हैं। इसे करने से महिला की रिप्रोडक्टिव हेल्थ के साथ ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ावा मिलता है।
कैसे करें? सबसे पहले चटाई पर बैठें और पैरों को फैलाएं। अब पैरों को बीच में लाकर घुटनों को मोड़ें। अपनी पीठ सीधी करें। अब पैरों को हथेलियों से कुछ सैकंड के लिए पकड़ें और फिर छोड़ दें। इस अभ्यास को कम से कम चार बार दोहराना चाहिए।
योग कई बीमारियों का बेहतरीन इलाज है। यह गर्भवती महिला को सहनशक्ति के साथ खूब ताकत भी देता है। लेकिन किसी भी योग को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
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