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हार्ट अटैक और Hot Flashes के अंतर को समझें, 40 के बाद लापरवाही खतरनाक हो सकती है


अगर महिला की उम्र 45 से 55 साल है तो उसे हॉट फ्लैश की समस्या हो सकती है। मेनोपॉज के दौरान ऐसा होना नॉर्मल है। लेकिन इस उम्र में महिलाओं को हॉट फ्लैश और हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। जानकारी के अभाव में कोई गलती न हो जाए इसलिए इस बारे में जागरूकता जरूरी है।
मेनोपॉज के दौरान महिलाएं मोटापा, नींद न आना, बाल झड़ना, झुर्रियां, तनाव, उदासी, घबराहट जैसी कई तकलीफों से गुजरती हैं। इसी दौरान हॉट फ्लैश की समस्या भी महिलाओं को परेशान करती है। हॉट फ्लैश यानी अचानक गर्मी लगना और पसीना आना। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को अचानक गर्मी लगती है और बहुत पसीना आता है। लेकिन थोड़ी देर में सब नॉर्मल हो जाता है।
इसी उम्र में कुछ महिलाओं को दिल की बीमारियां भी घेर लेती हैं। ऐसे में महिलाएं दिल की बीमारियों के संकेत और हॉट फ्लैश के लक्षणों के फर्क को नहीं समझ पातीं। हॉट फ्लैश और दिल की बीमारी के फर्क को कैसे पहचानें इसके बारे में बता रही हैं मुंबई के मदरहुड हॉस्पिटल की ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सुरभि सिद्धार्थ।
हॉट फ्लैश और हार्ट अटैक में क्या अंतर है? – हॉट फ्लैश और हार्ट अटैक में सबसे बड़ा अंतर ये है कि हॉट फ्लैश में सिर्फ गर्मी लगती है और पसीना आता है। लेकिन हार्ट अटैक में पसीना आने के साथ-साथ सांस लेने में दिक्कत होती है। पसीना आने के साथ-साथ अगर सांस लेने में दिक्कत हो, सीने में या शरीर के बाएं भाग में दर्द हो, तो ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।
हॉट फ्लैश में ऐसा नहीं होता। मेनोपॉज के दौरान होने वाले हॉट फ्लैश में सिर्फ गर्मी लगती है और पसीना आता है। इसके अलावा किसी भी तरह की कोई तकलीफ नहीं होती। 40 की उम्र के बाद महिलाओं को ये जरूर पता होना चाहिए कि हॉट फ्लैश और हार्ट अटैक में क्या अंतर है। अगर महिलाओं को इसकी सही जानकारी है तो वो आसानी से समझ सकती हैं कि कब उन्हें घबराने की जरूरत है और कब नहीं।
महिला और पुरुष में हार्ट अटैक के संकेत – हार्ट अटैक के संकेत महिला और पुरुष में अलग हो सकते हैं। पुरुषों में हार्ट अटैक के संकेत नॉर्मल होते हैं जैसे पसीना आना, सीने में दर्द और बेचैनी। लेकिन महिलाओं में ये संकेत अलग हो सकते हैं।
महिलाओं को पसीना, थकान, मतली, सांस लेने में दिक्कत, पीठ या जबड़े में दर्द हो तो ये हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं। महिलाओं में हार्ट अटैक के संकेत अलग होते हैं इसलिए कई केसेस में बीमारी के बारे में जल्दी पता नहीं चल पाता और महिला को सही इलाज मिलने में देर हो जाती है। इससे बचने के लिए महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए।
मेनोपॉज के बारे में जागरूकता जरूरी – मेनोपॉज के बारे में महिलाओं में जागरूकता नहीं है। ज्यादातर महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान होने वाले शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलावों की जानकारी नहीं होती। उन्हें समझ नहीं आता कि उनकी उदासी, घबराहट की वजह क्या है। वो अचानक मोटी क्यों हो रही हैं। अचानक इतना पसीना क्यों आ रहा है।
अगर महिलाओं को मेनोपॉज के बारे में पहले ही बता दिया जाए तो वो इसके लिए खुद को तैयार कर सकती हैं। 40 की उम्र के बाद जब भी शरीर या व्यवहार में बदलाव नजर आए तो महिलाओं को गायनेकोलॉजिस्ट से मिलकर इसका कारण जानना चाहिए।
हॉट फ्लैश से घबराएं नहीं – मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हॉट फ्लैश की समस्या होना आम बात है। हॉट फ्लैश दिनभर में कुछ समय के लिए होता है और फिर महिला तुरंत नॉर्मल हो जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो घबराएं नहीं।
हॉट फ्लैश होने पर सर्दियों में भी महिलाओं को अचानक पसीना आने लगता है। रात में पति-पत्नी भले ही एसी रूम में सोये हैं, फिर भी पत्नी को अचानक गर्मी लगने लगती है। वो खिड़की खोलने के लिए कहती है और पति हैरान रह जाते हैं। उन्हें समझ नहीं आता कि आखिर अचानक पत्नी को हुआ क्या है।
मेनोपॉज के दौरान अपने के शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में खुद महिलाएं ही नहीं जानतीं, फिर पति से क्या उम्मीद की जा सकती है। लेकिन ऐसा होना सही नहीं। अगर महिला और परिवार के सदस्यों को मेनोपॉज के दौरान होने वाले बदलावों की जानकारी हो तो उसकी काफी तकलीफें कम हो सकती हैं। अगर आपको हर समय हॉट फ्लैश की समस्या हो रही है तो डॉक्टर से अपनी जांच करा लें।
40 के बाद लाइफस्टाइल बदलें – उम्र बढ़ने के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव करना बेहद जरूरी है। 40 की उम्र के बाद महिलाओं का शरीर बदलने लगता है। मेनोपॉज के दौरान हार्मोन्स में आए बदलाव के कारण महिलाएं अचानक मोटी हो जाती हैं। उन्हें कई रोग घेरने लगते हैं। इस समय सही डाइट और लाइफस्टाइल से महिलाएं मेनोपॉज के कारण होने वाली तकलीफों से आसानी से बच सकती हैं।
40 की उम्र के बाद महिलाओं को डाइट में दूध और दूध से बनी चीजें जैसे दही और पनीर की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। इसके साथ ही ताजे फल और सब्जियां, मोटा अनाज, दालें, ड्राई फ्रूट्स को भी डेली डाइट में शामिल करें।
फिटनेस के लिए एक्सरसाइज, योग, मॉर्निंग वॉक को डेली रूटीन में शामिल करें। रात में जल्दी सोएं ताकि नींद पूरी हो सके। 40 की उम्र के बाद महिलाओं को अपने शौक के लिए समय जरूर निकालना चाहिए। इससे उन्हें खुशी मिलेगी और तनाव कम होगा।