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टैटू बनवाने के शौकीन को कौन-कौन सी बीमारी हो सकती हैं? Cancer समेत कई नुकसान


दुनियाभर में टैटू बनवाने का ट्रेंड जोरों से बढ़ रहा है। युवाओं से लेकर वृद्ध वयस्क टैटू बनवाने का शौक रखते हैं। लेकिन इससे पहले टैटू बनवाने के नुकसानों के बारे में जानना भी जरूरी है। यहां जानें टैटू से होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में।
आज के समय में टैटू बनवाना एक ट्रेंड सा बन गया है। खासकर युवा जोरशोर से इस ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं। इसे पर्सनैलिटी का एक हिस्सा माना जाने लगा है। कई लोगों के तो पूरे हाथ पर टैटू बने रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं टैटू बनवाना कई बीमारियों की जड़ बन सकता है। यहां तक कि यह आपको कैंसर का भी शिकार बना सकता है।
स्टडी में भी दावा किया गया है कि टैटू लिंफोमा के खतरे को बढ़ा सकता है। यह एक तरह का कैंसर होता है, जो कि लिंफेटिक सिस्टम (lymphatic system) में शुरू होता है। लिंफोमा कैंसर के सबसे आम प्रकारों में से एक है।
इस बीच हार्वर्ड हेल्थ की तरफ से एक रिपोर्ट साझा की गई, जिसमें बताया गया कि क्या वाकई टैटू से लिंफोमा का जोखिम बढ़ता है। तो चलिए जानते हैं आखिर कैसे टैटू लिंफोमा के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
टैटू से बढ़ता है कैंसर का खतरा – टैटू को लिंफोमा का कारण या जोखिम कारक नहीं माना जाता है। लेकिन कई कारण हो सकते हैं, जो टैटू और कैंसर के संबंध के बारे में बता सकते हैं-
1- इंक:टैटू बनाने के लिए स्किन के नीचे इंजेक्ट किए जाने वाले इंक में कार्सिनोजेनिक (कैंसर पैदा करने वाले) के रूप में वर्गीकृत कई रसायन होते हैं।
2- पिगमेंट:टैटू की इंक का पिगमेंट टैटू बनवाने के कुछ हफ्तों के अंदर बढ़े हुए लिम्फ नोड्स में पाया जा सकता है।
3- कैमिकल्स:स्किन में इम्यून सेल्स टैटू इंक में कैमिकल्स पर रिएक्ट कर सकती हैं और पास के लिम्फ नोड्स में जा सकती हैं, जिससे पूरी बॉडी में इम्यून रिएक्शन शुरू हो सकती हैं।
4- अन्यट्रिगर:लिम्फोमा के अन्य ट्रिगर,जैसे कीटनाशक,लिम्फ नोड्स में प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर समान प्रभाव डालते हैं।
टैटू वाले लोगों में अधिक होता है जोखिम – एक स्टडी में पाया गया कि, टैटू वाले लोगों में लिंफोमा 21% अधिक आम था। जबकि लिंफोमा का खतरा इस बात पर निर्भर करता है कि टैटू बनवाने के बाद कितना समय बीत चुका है। दो सालों के अंदर,लिंफोमा का खतरा 81% अधिक था और टैटू बनवाने के 11 या अधिक वर्षों के बाद,लिंफोमा का जोखिम 19% था। वहीं, टैटू के साइज या नंबर और लिंफोमा जोखिम के बीच कोई संबंध नहीं था।
टैटू बनवाने से हो सकता है एचबीवी – एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि टैटू गुदवाने से हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) संक्रमण,हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) संक्रमण और सिफलिस के संचरण के पुख्ता सबूत हैं।
एचआईवी से हो सकते हैं संक्रमित – 0इसके अलावा टैटू गुदवाने से ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) भी फैल सकता है,हालांकि अभी इस तथ्य के लिए पुख्ता सबूतों की कमी है।