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130 ब्रिटिश सांसदों ने चीनी राजदूत को लिखा पत्र, चीन में मुस्लिमों पर अत्याचारों को लेकर लगाई फटकार


ब्रिटेन के 130 से अधिक सांसदों ने ब्रिटेन में चीन के राजदूत को पत्र लिखकर उइगरों पर चीन में किए जा रहे अत्याचारों को लेकर जमकर खिंचाई की है। लेबर सांसद सियोभिन मैकडोनघ द्वारा लिखे व 130 से अधिक सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित चीन के राजदूत लियू शियाओमिंग को भेजे पत्र में कहा गया कि चीन में उइगुर मुसलमानों के नजरबंदी शिविरों में अत्चाचारों का फुटेज “नाजी एकाग्रता शिविरों के ऐतिहासिक फुटेज” के समान था।

उन्होंने लिखा कि “चीनी सरकार अब बताने का वक्त आ गया है कि वे किस तरह मानवाधिकारों का हनन की कार्रवाईयों में लिप्त है। हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के क्रॉस-पार्टी सदस्यों के इस समूह जिसमें लिबरल डेमोक्रेट नेता सर एड डेवी और पूर्व टोरी नेता सर इयान डू भी शामिल हैं, ने मंगलवार को भेजे इ पत्र में लिखा है, “चीन सरकार गणना कार्यक्रम के बहाने उइगर लोगों के खिलाफ जातीय भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि चीन के मानव अधिकार के हनन के कई ऐसे कई सबूत हैं जिनसे दुनिया नहीं आंख नहीं मूंद नहीं सकती है।”

इससे पहले खबर आई थी कि चीन सरकार के उइगर मुस्लिमों के अधिकारों का कथित तौर पर हनन करने के आरोपों की जांच करने के लिए एक प्रख्यात ब्रिटिश मानवाधिकार अधिवक्ता लंदन में एक स्वतंत्र अधिकरण का गठन कर रहे हैं। अधिकरण इसकी छानबीन करेगा कि क्या चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में मानवता के विरुद्ध अपराध या जनसंहार किया गया।

उम्मीद जताई जा रही है कि अधिकरण में इस मामले पर अगले साल होने वाली सुनवाई में नए तथ्य उजागर होंगे। हालांकि अधिकरण को सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन उइगर और तुर्की अल्पसंख्यकों के 2017 से जारी कथित उत्पीड़न के लिए चीन को कठघरे में खड़ा करने का यह ताजा प्रयास है। विश्व उइगर संघ ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में काम कर चुके बैरिस्टर जेफ्री नीस से उइगरों के उत्पीड़न और कथित जनसंहार के मामले की जांच करने को कहा है।