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भारत में इकॉनमी फील्ड की 1400 हस्तियों, कंपनियों की चीन कर रहा जासूसी, रेलवे में इंटर्न से लेकर बड़ी कंपनियों के सीईओ तक लिस्ट में


पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच खुलासा हुआ है कि चीन अपनी एक कंपनी के जरिए भारत के करीब 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी कर रहा है। इतना ही नहीं, वह दुनियाभर अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनियाभर के 24 लाख लोगों की जासूसी कर रहा था। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सोमवार को खुलासा किया था कि चीन की जासूसी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सीजेआई बोबडे जैसी हस्तियां शामिल हैं। अखबार ने मंगलवार को अपने खुलासे की दूसरी कड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था के भीतर चीन के गहरे जमे जासूसी त्रंत्र के बारे में बताया है। ड्रैगन भारतीय अर्थव्यवस्था की किस कदर जासूसी कर रहा है, इसका अंदाजा इसी ले लगा सकते हैं कि उसकी निगरानी लिस्ट में इंडियन रेलवे में इंटर्नशिप कर रहे इंजीनियरिंग स्टूडेंट से लेकर अजीम प्रेमजी की वेंचर कंपनी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर तक शामिल हैं।

चीन की सेना और खुफिया एजेंसी से जुड़ी कंपनी झेन्‍हुआ डेटा इंफॉर्मेशन टेक्‍नॉलजी कंपनी लिमिटेड ने जो ओवरसीज की इंडिविजुअल डेटाबेस (OKIDB) तैयार किया है, उसमें भारत के अर्थ जगत से कम से कम 1,400 लोग, संगठन या कंपनियां शामिल हैं। जिन लोगों की चीन निगरानी कर रहा है उनमें वेंचर कैपिटलिस्ट्स, एंजेल इन्वेस्टर्स, देश के जाने-माने स्टार्टअप और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर्स तक शामिल हैं। इसके अलावा इंडिया में बेस्ड फॉरेन इन्वेस्टर्स की भी चीन जासूसी कर रहा है।

OKIDB के जरिए भारत के अर्थ जगत की जिन हस्तियों की जासूसी की जा रही है, उनमें महिंद्रा ग्रुप के ग्रुप सीएफओ अनीश शाह, रिलायंस ब्रैंड्स के सीटीओ पीके थॉमस, अजीम प्रेमजी की बनाई हुई वेंचर कैपिटल कंपनी प्रेमजी इन्वेस्ट के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर टी. के. कुरियन, रिलायंस रिटेल के चीफ एग्जिक्यूटिव ब्रायन बेड और मॉर्गन स्टैनली के कंट्री हेड विनीत सेखसारिया जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं।

ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट, ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जौमैटो और स्विगी के शीर्ष अधिकारियों की भी चीन निगरानी कर रहा है। फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल, ऊबर इंडिया के ड्राइवर ऑपरेशंस के हेड पवन वैश, पेयू के बिजनस हेड नमीत पोटनीस, नाइका की को-फाउंडर और सीईओ फाल्गुनी नायर, जोमैटो के फाउंडर और सीईओ दीपींदर गोयल और स्विगी के को-फाउंडर और सीईओ नंदन रेड्डी की भी जासूसी हो रही है।

इतना ही नहीं, आईआईटी जैसे शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के डायरेक्टरों तक की चीन जासूसी कर रहा है। इनमें आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रफेसर अभय करांडिकर और आईआईटी बॉम्बे के प्रफेसर दीपक बी. पाठक भी शामिल हैं। भारतीय अर्थ जगत में जिन्हें सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है, उनमें वेंचर कैपिटलिस्ट्स और एंजेल इन्वेस्टर्स शामिल हैं। इसके अलावा कंपनियों/स्टार्टअप्स के संस्थापकों, सीईओ, सीएफओ, सीटीओ और सीओओ को भी बड़े पैमाने पर निशाना बनाया गया है।

भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल हेल्थ सेक्टर और डिजिटल एजुकेशन सेक्टर की चीन निगरानी और जासूसी कर रहा है। भारत के प्रमुख डिजिटल पेमेंट ऐप्स भी OKIDB के डेटा बेस में शामिल हैं।

सिप्ला के सहयोग से चल रही डिजिटल थेरेपी चलाने वाला स्टार्टअप वेल्थी थेरप्यूटिक्स. बेंगलुरु बेस्ड हेल्थकेयर स्टार्टअप स्ट्रैंड लाइफ साइंस, ग्रामीण भारत में हेल्थकेयर सर्विस उपलब्ध कराने वाले ग्रामीण हेल्थकेयर चीनी जासूसी का निशाना बने हैं। इसी तरह मैट्रिक्स पार्टनर इंडिया, कलारी कैपिटल, सीड फंड, फायरसाइड वेंचर्स जैसे एंजेल इन्वेस्टर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट्स की भी जासूसी की जा रही है। मैट्रिक्स पार्टनर का ओला, प्रैक्टो और रेजर पे में ठीक-ठाक शेयर है। इसी तरह कलारी केपिटन के पोर्टफोलियो में स्नैपडील, माइंत्रा और अर्बन लैडर जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां शामिल हैं।

पेटीएम, रेजरपे और फोन पे जैसी भारत की शीर्ष डिजिटल पेमेंट कंपनियां भी चीनी जासूसी के जाल से अछूती नहीं है। इसके अलावा पाइन लैब्स, एवेन्यूज पेमेंट्स, एफएसएस जैसी पेमेंट्स कंपनियों की भी चीन जासूसी कर रहा है। एफएसएस पेमेंट्स का आईआरसीटीसी जैसे दिग्गजों के साथ पार्टनरशिप है। इसी तरह बायजु, अड्डा247, ओलाइवबोर्ड जैसे टॉप लर्निंग ऐप्स की भी जासूसी हो रही है।