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चांद पर फिर पहुंचा अमेरिका, 50 साल बाद लैंड कराया अंतरिक्ष यान, भारत के ‘चंद्रयान’ के करीब उतरा


अमेरिका एक बार फिर चांद पर पहुंच गया है। लगभग 50 साल बाद एक अमेरिकी अंतरिक्ष यान चांद की सतह पर उतरा है। 1972 में आखिरी अपोलो मिशन के बाद अमेरिका में बना कोई अंतरिक्ष यान अब चंद्रमा की सतह पर उतरा है। चांद पर उतरने वाले इस अंतरिक्ष यान का नाम ओडीसियस (Odysseus) या ऑडी है। यह छह पैरों वाला एक रोबोट लैंडर है जो भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा। चांद का दक्षिणी ध्रुव वही हिस्सा है, जिसके करीब भारत के चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर उतरा था।
लैंडिंग के बाद सिग्नल की पुष्टि मिलते ही मिशन के डायरेक्टर डॉ. टिम क्रेन ने कहा, ‘ह्यूस्टन, ओडीसियस को अपना नया घर मिल गया है।’ नासा के सहयोग से इसे एक प्राइवेट कंपनी ने बनाया है। इंटुएटिव मशीन्स के सीईओ स्टीव अल्टेमस ने कहा, ‘मुझे पता है कि यह एक मुश्किल था, लेकिन हम सतह पर हैं। हम ट्रांसमिट कर रहे हैं। चांद पर आपका स्वागत है।’ नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक वीडियो संदेश के जरिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमने चंद्रमा पा लिया। आधी सदी के बाद अमेरिका वापस चांद पर पहुंच गया है।
प्राइवेट कंपनी ने भेजा लैंडर – यह पूरा मिशन एक प्राइवेट कंपनी का है। लेकिन नासा ने अपने वैज्ञानिक उपकरणों और टेक्नोलॉजी को चंद्रमा तक ले जाने के लिए इसे फंड किया। इस लैंडर के साथ भेजे गए नासा के पेलोड चंद्रमा की सतह के साथ अंतरिक्ष मौसम, रेडियो खगोल विज्ञान और भविष्य के लैंडरों के लिए चंद्रमा का डेटा इकट्ठा करेंगे। नासा का लक्ष्य है कि एक बार फिर इंसानों को चंद्रमा पर भेजा जाए। इस लिहाज से यह मिशन काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि ओडीसियस से एक महीने पहले एक अन्य प्राइवेट कंपनी का मिशन फेल हो गया था।