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सऊदी अरब में क्‍यों 100 से ज्यादा विदेशियों को दी गई फांसी? इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, निशाने पर प्र‍िंस MBS


सऊदी अरब दुनिया के कुछ चुनिंदा मुल्को में से शामिल है, जहां बड़ी संख्या में फांसी की सजा दी जाती है। उनमें विदेशी नागरिक भी शामिल है। इस साल भी सऊदी अरब में 100 से अधिक लोगों को अब तक फांसी दी जा चुकी है। इनमें सीरिया, नाइजीरिया, मिस्र जैसे देशों के नागरिक हैं।
सऊदी अरब में मौजूदा साल यानी 2024 में अब तक 101 विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई है। सऊदी अरब के इतिहास में ये पहली बार है, जब एक वर्ष में 100 से ज्यादा लोगों की मौत की सजा दी गई है। बीते वर्षों की बात करें तो 2023 और 2022 में 34-34 विदेशियों को सऊदी ने फांसी दी थी। इस साल ये आंकड़ा बीते दो वर्षों से करीब तीन गुना है, जो 2024 के खत्म होने तक और भी बढ़ सकता है। मौत की सजा में इस वृद्धि के चलते सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर हैं। मानवाधिकार संगठनो ने मृत्युदंड में अभूतपूर्व वृद्धि का आरोप लगाया है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में इस साल नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों में सबसे ज्यादा विदेशी दोषी पाए गए हैं। इस वर्ष नशीली दवाओं के अपराधों से जुड़े केस में 92 फांसी हुईं, इनमें से 69 में विदेशी नागरिक थे। समाचार एजेंसी एएफपी ने यूरोपीय-सऊदी संगठन फॉर ह्यूमन राइट (ईएसओएचआर) के कानूनी निदेशक ताहा अलहजी के हवाले से कहा, ‘विदेशी सबसे कमजोर समूह हैं। वे अक्सर प्रमुख ड्रग डीलरों के शिकार होते हैं और उनकी गिरफ्तारी से लेकर सजा सुनाए जाने तक उनके अधिकारों का हनन होता है।’
मौत की सजा से बढ़ रहा है डर – मौत की सजा विरोधी समूह रेप्रीव के जैद बसयूनी का कहना है कि जैसे-जैसे फांसी की संख्या बढ़ती जा रही है, मौत की सजा पाए लोगों के परिवार लगातार डर में हैं। मौत की सजा पाने वाले विदेशी नागरिकों के परिवार इस बात से भयभीत हैं कि अगला नंबर उनके प्रियजन का हो सकता है। उन्होंने मौजूदा स्थिति को अभूतपूर्व संकट कहा है।
इस साल जिन विदेशियों को सऊदी में फांसी दी गई है, उनमें पाकिस्तान के 21, यमन के 20, सीरिया के 14, नाइजीरिया के 10, मिस्र के नौ, जॉर्डन के आठ और इथियोपिया के सात लोग शामिल हैं। सूडान, भारत और अफगानिस्तान से तीन-तीन और श्रीलंका, इरिट्रिया और फिलीपींस से एक-एक व्यक्ति को फांसी दी गई है।
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान निशाने पर – सऊदी अरब में मौत की सजा के इस्तेमाल को लेकर लगातार जांच हो रही है। एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने सऊदी अरब को चीन और ईरान के बाद दुनिया भर में कैदियों को फांसी देने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बताया है। इस साल फांसी की बढ़ती संख्या पर सऊदी अरब के ‘वास्तविक शासक’ क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी निशाने पर है। मौतों की संख्या मोहम्मद बिन सलमान के उन दावों के उलट है, जिनमें उन्होंने कहा था कि सऊदी ने हत्या और कुछ गंभीर अपराधों को छोड़कर मौत की सजा को समाप्त कर दिया है।