
पाकिस्तान, इमरान खान के शासनकाल में तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर मुस्लिम देशों का अलग ग्रुप बनाने की कोशिश कर चुका है, लेकिन सऊदी अरब के फटकार के बाद पाकिस्तान अपनी औकात पर आ गया था।
भारत के साथ जंग के हालात में तुर्की का पाकिस्तान को लेकर मोहब्बत बार बार उछल रहा है। पिछले हफ्ते वायुसेना के उच्च अधिकारियों को भेजने के बाद अब तुर्की ने पाकिस्तान में अपने युद्धपोत को भेजा है। हालांकि तुर्की इसे भारत के साथ तनाव के बीच उठाया गया कदम नहीं बता रहा है, लेकिन पाकिस्तान ऐसे ही संदेश दे रहा है। तुर्की का इस जहाज के पाकिस्तान पहुंचने के समय और मकसद को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। तुर्की के युद्धपोत टीसीजी बुयुकाडा की कराची यात्रा को पाकिस्तान दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए सद्भावना यात्रा बता रहा है। जाहिर तौर पर वो भारत को संदेश देना चाहता है कि तुर्की उसके साथ है। और तुर्की भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रहा है।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को सजा देने की कसम खा रखी है और आशंका है कि भारत, पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू कर सकता है। भारत सरकार ने सेना को फ्री हैंड दे दिया है और तय सेना को करना है कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए उसकी स्ट्रैटजी क्या होगी। तब तक के लिए भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता सस्पेंड करते हुए पाकिस्तानी जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश करने से रोक दिया, पाकिस्तानी एयरलाइंस के भारतीय एयरस्पेस में दाखिल होने पर पाबंदी लगा दी गई है। पाकिस्तान ने भी ऐसा ही किया है। आपको बता दें कि 1965 की जंग में भी एक इस्लामिक देश ऐसा कर चुका है। उस वक्त इंडोनेशिया ने पाकिस्तान की मदद के लिए दो व्हिस्की क्लास सबमरीन और 4 कोमार क्लास मिसाइल बोट भेजी थीं। और अब 60 साल के बाद तुर्की ने भी ऐसा ही किया है।
पाकिस्तान पहुंचा तुर्की का युद्धपोत – पाकिस्तान और तुर्की के बीच मजबूत सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक संबंध हैं। पाकिस्तान, इमरान खान के शासनकाल में तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर मुस्लिम देशों का अलग ग्रुप बनाने की कोशिश कर चुका है, लेकिन सऊदी अरब के फटकार के बाद पाकिस्तान अपनी औकात पर आ गया था। तुर्की की रक्षा कंपनियों ने पाकिस्तान की अगोस्टा 90बी क्लास की पनडुब्बियों के आधुनिकीकरण में मदद की है और इस्लामाबाद को ड्रोन सहित सैन्य उपकरण की आपूर्ति की है। दोनों देश नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं। हाल ही में तुर्की और पाकिस्तान ने अतातुर्क-XIII अभ्यास किया था। पाकिस्तान नौसेना के जनसंपर्क महानिदेशालय (DGPR) के मुताबिक, कराची बंदरगाह पर पहुंचने पर तुर्की नौसेना के जहाज का दोनों नौसेनाओं के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। DGPR ने कहा, “कराची में अपने प्रवास के दौरान, TCG बुयुकाडा का चालक दल पाकिस्तान नौसेना के कर्मियों के साथ कई प्रोफेशनल बातचीत करेगा। इस यात्रा का मकसद दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी समझ को बढ़ाना और समुद्री सहयोग को मजबूत करना है।
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