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सूर्य ने बदली अपनी चाल, दिन-रात खेलेंगे नया खेल


आज से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध और मेष राशि में प्रवेश करेगा और प्रतिवर्ष 21 मार्च दिन व रात बराबर होते हैं। गर्मी प्रारंभ होने के साथ कल से रातें बड़ी होने लगेंगी। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ.राजेन्द्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि खगोलिय घटना के तहत 21 मार्च को दिन और रात बराबर होते हैं। इस दिन सूर्य रेखा लंबवत रहता है। इसे‘वसन्त संपत’कहते हैं। सूर्य को विषुवत रेखा पर लंबवत होने के कारण दिन और रात बराबर-बराबर अर्थात 12-12 घंटे के होते हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध एवं मेष राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रातें छोटी।

यह क्रम 21 जून तक जारी रहेगा। सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश के कारण सूर्य की किरणों की तीव्रता उत्तरी गोलार्द्ध में बढ़ जाएगी। इससे ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ होता है। उन्होंने बताया कि यहां स्थित प्राचीन जीवाजी वेधशाला में 21 मार्च की घटना को शंकु यंत्र तथा नाड़ीवलय यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देखा गया। शंकु की छाया पूरे दिन सीधी रेखा (विषुवत रेखा) पर गमन करती हुई दिखाई दी और इसके पूर्व नाड़ीवलय यंत्र के दक्षिणी गोल भाग (24 सितंबर से 20 मार्च तक) पर धूप थी और आज उत्तरी तथा दक्षिणी किसी गोल भाग पर धूप नहीं रही तथा 22 मार्च से अगले 06 माह (22 सितंबर तक) नाड़ीवलय यंत्र के उत्तरी गोल भाग पर धूप रहेगी। इस प्रकार सूर्य के गोलार्द्ध परिवर्तन को नाड़ीवलय यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देखा गया।