
15 अगस्त, मंगलवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त श्रीकृष्ण के आने की खुशी मनाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार किया जाता है। वहीं मोर पंख उन्हें बहुत प्रिय है। मोरपंख को सभी नौ ग्रहों का प्रतिनिधि माना गया है, विशेष तौर पर मोरपंख के कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें जन्माष्टमी की रात में करने से सभी समस्याओं से तुरंत छुटकारा मिल जाता है।
जन्माष्टमी की रात को मंदिर जाकर भगवान कृष्ण के मुकुट पर मोर पंख लगाएं अौर उनका पूजन करें। उसके बाद 40वें दिन उस मोर पंख को लेकर तिजोरी में रख दें। इससे धन अौर यश संबंधी सारी परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी।
मोरपंख पर अपने शत्रु का नाम लिखकर जन्माष्टमी की रात भगवान कृष्ण के मंदिर में रख दें। अगले दिन सुबह उठकर बिना नहाए अौर किसी से बात किए बिना उस मोर पंख को बहते जल में प्रवाहित कर दें। यदि जल में प्रवाहित न कर सके तो मोर पंख को किसी पेड़ के नीचे दबा दें। ऐसा करने से शत्रु का भय खत्म हो जाएगा। शत्रु मित्र बन जाएंगे जो हर कदम पर आपकी मदद करेंगे।
जन्माष्टमी की रात तकिए के नीचे सात मोर पंख रखें। इससे कुंडली के कालसर्प दोष दूर होते हैं।
11 मोर पंखों से निर्मित पंखा शयनकक्ष की पश्चिम दीवार पर लगाएं। प्रतिदिन उस पंखे से एक बार खुद को हवा लें। इससे भाग्य आपका साथ देने लगेगा।
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