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सावन: मंगलवार को करें इनकी पूजा, भगवान शिव देंगे Special gift


जगत भर का कल्याण करने वाले भगवान शिव की आराधना का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। सृष्टि में शिव को मंगलमय, कल्याणमय एवं परमानंदमय माना गया है। वे ही जगत के मूल कारण, रक्षक, पालक, नियंता तथा ईश्वर के भी ईश्वर होने के कारण महेश्वर कहे जाते हैं। सावन में भगवान शिव को खुश करने और उनसे अपनी मनचाही मुरादें पूरी करवाने का सबसे सरल तरीका है मंगलवार के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा करें। बजरंगबली को रूद्र अवतार माना गया है। अत: आज के दिन ये उपाय करने चाहिए। इससे आपको पवनपुत्र के साथ-साथ भोलेनाथ से भी विशेष उपहार मिलेगा।

मंगलवार की शाम हनुमान जी के मंदिर में सिंदूरी प्रसाद चढ़ाएं।

मेष या वृश्चिक राशि वाले लाल रंग के वस्त्र अधिक पहनें या लाल रुमाल अवश्य रखें। लाल दुपटट, पगड़ी, टाई, शर्ट,शॉल, रिबन आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं।

जिनकी कुंडली में मंगल नीच राशि का है या मंगलीक हैं, या मंगल की दशा है या मंगल कमजोर है, मंगलवार के दिन इनमें से कोई एक वस्तु मंदिर, गुरुद्वारे, लंगर या युवा ब्राह्मण, मांगने वाले को दान दें- गेहूं, मक्की, लाल मसूर की दाल, गुड़, लाल फूल, लाल फल-अनार, सेब, लाल मिठाई, बदाना, गुलदाना, केसर, लाल चन्दन, सिंदूर, नारियल जटा वाले, मीठे रोट, मीठी रोटियां, रेवड़ियां, तांबे का बर्तन आदि। ये दान केवल युवा ब्राह्मण या युवा भिक्षुक मांगने वाले को ही दें तभी इसका पूर्ण फल मिलेगा।

बच्चों को दोपहर के समय टॉफी बांटें।

मंगल दोष के लिए, नारियल पर तिलक लगाकर लाल कपड़े में बांध कर मौली लपेट कर 3 मंगलवार जल प्रवाह करें।

हरी सौंफ लाल कपड़े में बांध कर शयनकक्ष या अपने तकिए के नीचे मंगलवार की रात अपने जन्मदिन तक रखें, बाद में प्रवाहित कर दें ।

मंगलवार को बन्दरों को चने-गुड़ दें।

मंगल ग्रह की तांबे की मूर्ति या मंगल यन्त्र अपने पूजा गृह में प्रतिष्ठित करें।

पैतृक संपत्ति में आ रही अड़चन के लिए, कमलगट्टे की माला प्राण प्रतिष्ठा करवा कर लाल वस्त्र में बांध कर तिजोरी में रखें।

संबंध सुधारने के लिए मंगलवार को अपनी बहन/ बुआ को लाल कपड़े और लाल डिब्बे में मिठाई दे कर विदा करें।

विद्युत चालित वस्तु उपहार में न लें।

हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपदान करें।

मीठे पान और गुड़ व चने का हनुमान जी को भोग लगाएं। फिर तुलसी की माला से अपनी शक्ति के अनुसार इस मंत्र का जाप करें:

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।