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चीन के जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़: भारत, ब्रिटेन, ऑस्‍ट्रेलिया…दुनियाभर में 24 लाख लोगों की कर रहा था जासूसी


दुनियाभर में 24 लाख अति‍महत्‍वपूर्ण लोगों के जासूसी का बड़ा खुलासा हुआ है। इस जासूसी को चीन की सेना और खुफिया एजेंसी से जुड़ी कंपनी झेन्‍हुआ डाटा इंफॉरमेशन टेक्‍नॉलजी कंपनी लिमिटेड अंजाम दे रही थी। इन 24 लाख लोगों में 10 हजार लोग और संगठन भारत और करीब 35 हजार लोग ऑस्‍ट्रेलिया के थे। इनमें तीनों ही देशों की नामचीन हस्तियां शामिल हैं। भारत में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आदि शामिल हैं।
झेन्‍हुआ डाटा इंफॉरमेशन टेक्‍नॉलजी कंपनी लिमिटेड के ग्राहकों में (Zhenhua Data Information Technology Co.) चीनी सेना और चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी शामिल है। इस जासूसी के दौरान लोगों की जन्‍मतिथि, पते, वैवाहिक स्थिति, फोटो, राजनीतिक जुड़ाव, रिश्‍तेदार और सोशल मीडिया आईडी शामिल है। यह चीनी कंपनी ट्विटर, फेसबुक, लिंकडिन, इंस्‍टाग्राम और टिकटॉक अकाउंट से सूचनाएं इकट्ठा कर रही थी। इसके आलवा समाचार, आपराधिक रेकॉर्ड और कारपोरेट अपराध शामिल हैं।
ज्‍यादातर सूचनाओं को ओपन सोर्स से लिया गया था लेकिन कुछ लोगों के बारे में जानकारी गुप्‍त बैंक रेकॉर्ड, जॉब आवेदन और मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल से ली गई थी। कंपनी के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी वांग शूईफेंग आईबीएम के पूर्व कर्मचारी हैं और वह दुनियाभर में जनता की राय को धोखे से बदलने ‘हाइब्रिड वॉरफेयर’ और मनोवैज्ञानिक युद्ध चलाने का दावा करते हैं। चीनी कंपनी के निशाने पर ब्रिटेन और ऑस्‍ट्रेल‍िया के भी प्रधानमंत्री थे।

भारत में चीनी कंपनी के निशाने पर थे 10 हजार लोग और संगठन
चीनी कंपनी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान जैसे लोगों की निगरानी कर रही है। यही नहीं, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, स्मृति इरानी और पीयूष गोयल तक पर इस चीनी कंपनी की नजर रहती है।

सीडीएस बिपिन रावत और सेना, नौसेना और वायुसेना के कम से कम 15 पूर्व प्रमुखों पर की निगरानी भी ये कंपनी करती है। इसके अलावा भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे (CJI SA Bobde) और जस्टिस एएम खानविलकर से लेकर लोकपाल जस्टिस पी सी घोष और कैग जीसी मुर्मू पर यह चीनी कंपनी नजर रखती है। कई उद्योगपतियों जैसे भारत पे के फाउंडर निपुन मेहरा, AuthBridge के अजय त्रेहन से लेकर टॉप उद्योगपति रतन टाटा और गौतम अडानी तक हैं।

चीन ने यहां सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, रॉकेट फोर्स और 150 फाइटर एयरक्राफ्ट भी तैनात कर रखे हैं। ये सब LAC पर हमले की रेंज के अंदर तैनात हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस क्षेत्र में यह सबसे ज्यादा सैन्य तैनाती है। जाहिर है कि भारत से तनाव बढ़ने पर मई के बाद से यह बढ़ता जा रहा है। माना जाता है कि PLA को स्थानीय कमांडर नहीं, सीधे पेइचिंग से कंट्रोल किया जाता है।

पेइचिंग के कहने पर ही पैंगॉन्ंग झील के दक्षिणी ओर चीनी सैनिक भारतीय स्थिति को डेली मॉनिटर करते हैं। PLA ने लाइट टैंक और इन्फैन्ट्री कॉम्बैट वीइकल सीमा पार भेजने की कोशिश है जिन्हें भारतीय सेना ने रोक दिया। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने इस क्षेत्र में भारी सेना और हथियार तैनात करना तेज कर दिया है। देश के अलग-अलग हिस्सों से सेना यहां बुलाई जा रही है। चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सुरक्षा विश्लेषकों के हवाले से दावा किया है कि एयर डिफेंस, सशस्त्र वाहन, पैराट्रूपर, स्पेशल फोर्स और इन्फैन्ट्री को देशभर के हिस्सों से बुलाकर इस क्षेत्र में लगाया गया है।

PLA के सेंट्रल थिअटर कमांड एयरफोर्स के H-6 बॉम्बर और Y-20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ट्रेनिंग मिशन के लिए यहां तैनात किए हैं। लंबी-दूरी के ऑपरेशन, तैनाती के लिए अभ्यास और लाइव-फायर ड्रिल कई हफ्तों से जारी हैं। यह कार्रवाई उत्तरपश्चिम चीन के रेगिस्तान और दक्षिणपश्चिम चीन के तिब्बत क्षेत्र में की जा रही है। चीन सेंट्रल टेलिविजन (CCTV) ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि PLA की 71वें ग्रुप सेना का HJ-10 ऐंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम पूर्वी चीन के जियांगसू प्रांत से गोबी रेगिस्तान पहुंचा है।

PLA के तिब्बत मिलिट्री कमांड ने 4,500 मीटर की ऊंचाई पर संयुक्त ब्रिगेड स्ट्राइक एक्सरसाइज की है। PLA की 72वें ग्रुप सेना भी उत्तरपश्चिम में पहुंची है और यहां इसकी एयर डिफेंस ब्रिगेड ने भी लाइव-फायर ड्रिल की हैं जिनमें ऐंटी-एयरक्राफ्ट गन और मिसाइल पर अभ्यास किया गया।

ब्यूरोक्रेट्स से लेकर वैज्ञानिकों तक की निगरानी
चीन की चालबाजी केवल यही नहीं रुकी है बल्कि वह राजनेताओं के अलावा हर क्षेत्र के लोगों की निगरानी करवा रहा है। इसमें अहम पदों पर बैठे नौकरशाह, जज, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, पत्रकार, कलाकार और खेल से जुड़ी हस्तियां शामिल हैं। इसके अलावा धार्मिक नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भी ड्रैगन की नजर है। यही नहीं, चीन वैसे लोगों पर भी नजर रखवा रहा है जिनपर भ्रष्टाचार, क्राइम, आतंकवाद, तस्करी से जुड़े होने जैसे बड़े आरोप हैं।

चीन की जेन्‍हुआ कंपनी ने किया बड़ा दावा
बता दें कि इस वक्त वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। दोनों पक्षों की सेनाओं आमने-सामने हैं। भारत ने कई रणनीतिक महत्व की जगहों पर अपनी बढ़त मजबूत कर ली है। उधर, जेनहुआ कंपनी ने दावा किया है कि वह चीनी खुफिया एजेंसी, सेना और सुरक्षा एजेंसियों के लिए काम करती है। इस कंपनी ने अडवांस भाषा और वर्गीकरण के जरिए हजारों लोगों का डेटा बनाया है। कंपनी इसे ओवरसीज की इन्फॉर्मेशन डेटाबेस (OKIDB) बताती है।
भारत के अलावा इन देशों के भी नाम
कंपनी के डेटाबेस में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के बारे में जानकारियां हैं। चीन इसे हाइब्रिड वारफेयर का नाम देता है। इसके जरिए वह अपने विरोधियों पर बढ़त बनाने उसे नुकसान करने की कोशिश को अंजाम दे सकता है। कंपनी के शब्दों में इस वारफेयर में ‘इन्फॉर्मेशन पलूशन’ पर्सेप्शन मैनेजमेंट और प्रोपगेंडा शामिल होता है।