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Prince Philip के जनाजे में शामिल होगी उनकी ही डिजाइन की गई Land Rover


ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के पति प्रिंस फिलिप की अगले शनिवार को दक्षिण-पूर्व इग्लैंड के विंडसर कासल में अंत्येष्टि होगी। कोरोना वायरस महामारी के चलते यह कार्यक्रम अपेक्षाकृत सीमित पैमाने पर होगा। हालांकि, करीब 15 साल पहले उन्होंने जिस लैंड रोवर को डिजाइन करने में मदद की थी, उसे उनके जनाजे में शामिल किया जाएगा।
ब्रिटिश राजपरिवार के शाही आवास बकिंघम पैलेस ने इस बारे में जानकारी दी है। समझा जाता है कि यह गाड़ी कुछ बदलाव के साथ डिफेंडर 130 गन बस होगी, जिसे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के दिवंगत पति ने 2005 में उपयोग में शामिल किया था। इसके तीन साल बाद जाकर ब्रिटिश लग्जरी ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर (जेएलआर) का टाटा मोटर्स ने अधिग्रहण किया था।
जेएलआर के एक बयान में कहा गया है, ‘जगुआर लैंड रोवर में हम, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप के निधन से बेहद दुखी हैं।’ इसमें कहा गया है, ‘हमारी संवेदनाएं महारानी के साथ है। प्रिंस फिलिप ने लोक सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया और ब्रिटिश विनिर्माण, इंजिनियरिंग और डिजाइन में अहम योगदान दिया।’
एलिजाबेथ और फिलिप जब मिले तो उनके बीच की केमिस्ट्री शानदार थी। दोनों की पसंद-नापसंद भी एक थी। दोनों पहली बार 1934 में एक शादी में मिले थी और फिर तब मिले जब नेवल कॉलेज में फिलिप एक कैडेट थे। धीरे-धीरे प्यार परवान चढ़ा और 1946 की गर्मियों में दोनों ने चुपचाप सगाई कर ली। 20 नवंबर, 1947 को 2000 लोगों के सामने वेस्टमिंस्टर ऐबी में दोनों की शादी हो गई। एलिजाबेथ और फिलिप अब तक सार्वजनिक हो या निजी, हर उतार-चढ़ाव का सामना मिलकर करते रहे।
एलिजाबेथ ने शादी की 50वीं सालगिरह पर फिलिप से ताकत मिलने का जिक्र भी किया था। कहा जाता है कि प्रिंस फिलिप शाही घराने में अलग ही ऊर्जा भर देते थे। नेवल ऑफिसर रहे फिलिप ने ब्रिटेन के शाही शासन को काफी बदला भी था। फिलिप कई राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों को पार करने में एलिजाबेथ की मदद करते रहते थे। 1990 के दशक में बदलते समय के हिसाब से शाही रवैये को भी नया रूप देने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। यहां तक कि टीवी की मदद से शाही रुतबे को बढ़ाने के तरीके भी निकाले।
फिलिप ने ही 1953 में महारानी के राज्याभिषेक के लाइव टेलिकास्ट पर जोर दिया। 25 साल की उम्र में एलिजाबेथ महारानी बनीं तो फिलिप उनके साथ रहे। कहते हैं कि वह महारानी को उनकी शाही ड्यूटी से अलग एक जीवनसाथी के तौर पर देखते थे। यहां तक कि टीवी पर इंटरव्यू देने वाले वह पहले शाही सदस्य थे। लंबे वक्त तक बीमार रहने के बाद उन्होंने 99 साल की उम्र में आखिरी सांसें लीं। इससे पहले वह विंडसर कासल में महारानी के साथ रह रहे थे।
इन 74 सालों में दोनों ने एक-दूसरे का हर कदम पर साथ दिया। कई बार दोनों के रिश्ते के बीच दरारों की खबरें भी उठीं लेकिन आखिर तक दोनों का साथ बना रहा। उनकी कई ऐसी तस्वीरें हैं जिसमें दोनों के प्रेम की रौनक साफ झलकती है। शाही इतिहासकार ह्यूगो विकर्स ने रॉयटर्स को बताया था कि फिलिप ने हमेशा एलिजाबेथ का हर तरीके से साथ देना अपनी पहली ड्यूटी माना। वह रानी से दो टूक सच्चाई बयान करते थे।
प्रिंस फिलिप के ताबूत को लैंड रोवर पर रखा जाएगा, जो आठ मिनट के जनाजे के बाद सेंट जॉर्ज्स चैपल के द्वार पर पहुंचेगी। उसी स्थान पर 17 अप्रैल को एक मिनट के राष्ट्रीय मौन के साथ स्थानीय समय के अनुसार दोपहर तीन बजे अंत्येष्टि कार्यक्रम शुरू होगा। बकिंघम पैलेस ने एक बयान में कहा, ‘अंत्येष्टि की योजना ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग की इच्छा के अनुरूप बनाई गई है।’
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा, ‘ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग के निधन के मद्देनजर 13 अप्रैल को वैशाखी और अन्य उत्सव मनाने के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम को स्थागित कर दिया गया है।’ अंत्येष्टि कार्यक्रम का टीवी पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। कोविड-19 लॉकडाउन दिशानिर्देशों को बरकरार रखते हुए सिर्फ 30 अतिथि ही उपस्थित होंगे और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी जगह शाही परिवार के एक सदस्य के लिए दी है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आवास सह कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री शनिवार को अंत्येष्टि कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने शाही परिवार के अधिक से अधिक लोगों की उपस्थिति की संभावना बनाने के लिए यह फैसला किया है। गौरतलब है कि सामान्य परिस्थितियों में करीब 800 अतिथि अंत्येष्टि कार्यक्रम में उपस्थित होते हैं। लेकिन अभी यह संख्या 30 रखी गई है, जिसमें महारानी के परिवार के सदस्य और करीबी रिश्तेदारों की उपस्थिति रहेगी।