
तालिबान व आंतकवाद को समर्थन देने के कारण पाकिस्तान का दुनिया भर में विरोध हो रहा है। जेनेवा, इटली, अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन में भी पाकिस्तान का विरोध शुरू हो गया है। लंदन आधिकारिक दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और उन्हें अत्याचारी बताया। कुरैशी तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर लंदन पहुंचे हैं। बलूच और सिंधी कार्यकर्ताओं के साथ पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर के लोगों ने प्रदर्शन किए।
जैसे ही कुरेशी लंदन पहुंचे, राष्ट्रीय बराबरी पार्टी जम्मू-कश्मीर गिलगित, बाल्टिस्तान एवं लद्दाख (एनईपीजेकेजीबीएल) के सज्जाद राजा की अगुआई में गुलाम कश्मीर के लोग पाकिस्तानी उच्चायुक्त के आवास के सामने जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने गुलाम कश्मीर में रहने वाले कश्मीरियों के उत्पीड़न के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि ब्रिटेन को पाकिस्तान को धन देना बंद कर देना चाहिए, जो एक क्रूर शासन द्वारा चलाया जा रहा है। यह अपने असंतुष्टों को मार रहा है और अपने अल्पसंख्यकों को दबा रहा है। उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे अभियान के बारे में नारे लगाए, जो पत्रकारों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और उनसे सवाल करने की हिम्मत करने वाले किसी भी व्यक्ति का अपहरण कर लापता कर देते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में इसे सांप्रदायिक जनसंहार शासन बताया, जो बलूच, हज़ारों, हिंदुओं, सिखों और अहमदिया अल्पसंख्यकों के जीवन को नष्ट कर रहा है। वस्तुतः उन्हें अपनी ही भूमि पर शरणार्थी बना रहा है। प्रदर्शनकारियों ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान की दोहरी भूमिका पर चुप्पी के बारे में ब्रिटिश सरकार और उसके सांसदों से औपचारिक रूप से शिकायत करने का इरादा व्यक्त किया, जो एक मानवीय संकट में बदल रहा है।
यात्रा पर आए विदेश मंत्री के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन अभूतपूर्व है, क्योंकि लंदन ने कभी भी पाकिस्तानी प्रवासियों द्वारा देश के दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल के खिलाफ इस पैमाने पर कुछ भी नहीं देखा है। इससे पहले लंदन में पाकिस्तान के उच्चायुक्त के आवास के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे और रविवार को पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। यह विरोध पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा के बीच आयोजित किया गया था
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