आज दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में महिलाएं और पुरुष समाज में बराबरी के साथ खड़े नजर आते हैं। लेकिन विकसित पश्चिमी देशों और विकासशील पूर्वी एशिया के बीच एक बड़े भूभाग पर महिलाओं की हालत बहुत अच्छी नहीं है। यह इलाका खाड़ी देशों का गढ़ है। भले ही संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे संपन्न देश विदेशी पर्यटकों और निवेशकों को लुभाने के लिए महिलाओं से जुड़े नियमों में बदलाव कर रहे हैं। लेकिन बड़ी संख्या में अरब मुल्क आज भी महिलाओं के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। अरब न्यूज वेबसाइट Raseef22 के को-एडिटर इन चीफ और पॉलिटिकल एडिटर हसन अब्बास ने 2016 में वेबसाइट के लिए एक लेख लिखा था। अपने लेख में उन्होंने बताया था कि अरब देशों में और उनके इतिहास में महिलाओं की क्या स्थिति है।
हसन अब्बास लिखते हैं, ”महिलाओं की आत्मा उनकी योनि में है’, एक अरबी ‘धर्मगुरु’ ने यह वाक्य उस शख्स से कहा जो अपनी पत्नी की शिकायत लेकर उसके पास आया था क्योंकि उसकी पत्नी ने उसके ‘प्रस्ताव’ को अस्वीकार कर दिया था। यह वाक्य काफी हद तक दिखाता है कि अरब पुरुष महिलाओं को किस तरह देखते हैं। पुरानी किताबों में ऐसे कई वाक्य और उदाहरण हैं जो दिखाते हैं कि पुरुषों ने महिलाओं को सेक्स मशीन से ज्यादा कभी कुछ समझा ही नहीं।’
अरब साहित्य में महिलाओं के बारे में क्या लिखा? – उन्होंने लिखा, ‘सेक्स और यौन संबंधों जैसे मुद्दों से जुड़ी पुरानी अरबी किताबों को पढ़ने से पता चलता है कि अरब पुरुष महिलाओं से कितना डरते हैं। डर की यह भावना पितृसत्तात्मक मूल्यों से आती है जो पुरुष के प्रभुत्व का आह्वान करते हैं और इसे खतरे में डालने वाली किसी भी चीज़ से डरती है। पुराने अरबी साहित्य में अक्सर महिलाओं को निम्फोमेनिक (Nymphomaniac), सेक्स के लिए बेताब के रूप में दिखाया जाता है।’
सऊदी अरब में किस हाल में महिलाएं? – पिछले साल सऊदी अरब से एक वीडियो सामने आया था जो काफी परेशान करने वाला था। इसमें पुरुषों का एक समूह कुछ लड़कियों और महिलाओं को उनके बालों से पकड़कर खींच रहा था और उन्हें पीट रहा था। वीडियो असिर प्रांत में स्थित खामिस मुशैत के एक अनाथालय का था। कुछ खबरों में कहा गया था कि इस तरह की जगहों पर महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार आम बात है। इस वीडियो ने सऊदी क्राउन प्रिंस के ‘महिलाओं की स्थिति में सुधार’ के दावों की पोल खोल दी थी।
Home / News / महिलाओं को ‘सेक्स मशीन’ समझते हैं खाड़ी देशों के पुरुष, औरतों के बारे में क्या कहता है अरबी साहित्य?