अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया में लंबी दूरी की रॉकेट साइट के पुनर्निर्माण की सूचना के बाद तीखी प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन का यह कदम बहुत निराशा पूर्ण है। गौरतलब है कि यह सूचना ऐसे समय आई है, जब कुछ दिन पूर्व हनोई में दोनों नेताओं की वार्ता विफल हो चुकी है। उत्तर कोरिया के इस कदम को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर उत्तर कोरिया में रॉकेट साइट के पुनर्निर्माण की जानकारी सच हुई तो यह अमेरिका के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा यह अमेरिका के लिए एक चेतावनी होगी। हालांकि, उन्होंने कहा इसके बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा है कि यदि प्योंगयांग अपने परमाणु कार्यक्रम का त्याग नहीं करता तो अमेरिका अपने प्रतिबंधों को और सख्त करेगा। बता दें कि परमाणु मिसाइल परीक्षण स्थल का हिस्सा बहाल करने की खबर ऐसे समय आई है, जब हाल में वियतनाम के हनाई में हुई अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और किम जोंग की शिखर वार्ता विफल हो गई थी।
दोनों नेता बड़ी उम्मीद से हनोई वार्ता में शामिल हुए थे, लेकिन यह बेनतीजा रही। अभी इस वार्ता को हुए एक पखवाड़ा भी नहीं हुआ कि उत्तर कोरिया के परीक्षण स्थल के बहाल होने की खबर आई है। उत्तर कोरिया के इस कदम को हनाई वार्ता की विफलता से जोड़कर देखा जा रहा है। वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्टैटेजिक एंड इंटरनेशनल सीएसआइएस के शोधकर्ताओं ने कहा कि अगस्त, 2018 में साइट में सक्रियता काफी सुस्त थी, लेकिन मौजूदा समय में साइट स्थल पर काम में तेजी देखी गई है। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह गतिविधि जानबूझकर और उद्देश्यपूर्ण है।
एक अनुसंधान बेस वेबसाइट ने परमाणु कार्यक्रम स्थल पर ऐसी पुनर्निर्माण के प्रयास को दिखाया है, जिसका उपयोग लांच पैड को लांच वाहनों के जरिए रेल तक ले जाने के लिए किया जाता है। इसका दावा है कि इसे 16 फरवरी से दो मार्च के बीच यह कार्यक्रम शुरू किया गया। परमाणु साइट पर इमारत के समीप दो क्रेन और कुछ निर्माण कार्य को भी देखा गया है। बता दें कि वर्ष 2006 में उत्तर कोरिया ने चीन के सहयोग से अपने परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत की थी। 2017 में उत्तर कोरिया ने दावा किया था कि उसकी ICBM की जद में अमेरिका का समुद्री तट है। इसके बाद से अमेरिका चौकन्ना हो गया। एशिया क्षेत्र में परमाणु परीक्षण की होड़ को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कड़े कदम उठाए। उत्तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए।