रूस ने मंगलवार तड़के यूक्रेन के नोवा कखोवका बांध को ब्लास्ट करके उड़ा दिया है। इस घटना के बाद से ही आसपास दहशत का माहौल है। बांध टूटने के बाद पानी बढ़ता ही जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बांध के करीब स्थित 80 गांव पूरी तरह से बह गए हैं। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस घटना को आतंकी कृत्य माना है। बाढ़ से लोगों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है। नीपर नदी पर बने इस बांध के टूटने की वजह से 4.8 अरब गैलन पानी खेरसॉन शहर की तरफ बढ़ चुका है। अक्टूबर 2022 में जेलेंस्की ने भी अपना डर जाहिर किया था कि रूस इस बांध में ब्लास्ट कर सकता है।
कुछ सेकेंड्स में आई तबाही – इस बांध के ब्लास्ट का वीडियो भी अब सामने आ गया है। इसमें देखा जा सकता है कि कैसे कुछ सेकेंड्स में ही यूक्रेन में तबाही आ गई। बांध के करीब स्थित 80 बस्तियों में बाढ़ की स्थिति है। हर घंटे आठ इंच पानी बढ़ रहा है। यूक्रेन बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से करीब 17,000 लोगों को निकालने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा वह बांध के विनाश को युद्ध अपराध के रूप में वर्गीकृत करने के बारे में भी सोच रहा है। बांध में विस्फोट से कुछ लोगों की मौत हो गई है तो कुछ घायल हैं। वहीं कुछ लोग इस समय फंसे हुए हैं। इस क्षेत्र में आई आपदा को अभूतपूर्व करार दिया जा रहा है। बचावकर्मियों को घरों के बीच से निकलने के लिए नावों का प्रयोग करना पड़ रहा है।
रूस की तरफ से फायरिंग का डर – नीपर नदी पर वेस्ट बैंक में का काम करने वाले एक बचावकर्ता ने कहा कि कोई नहीं जानता है पानी कब रुकेगा। उन्होंने कहा कि पानी का बहाव का पता लगा पाना भी काफी मुश्किल है। लोगों को अचानक अपना घर छोड़ना पड़ रहा है। ये लोग अभी तक सदमे की स्थिति में हैं क्योंकि इन्हें अपनी संपत्ति और पालतू जानवरों को इकट्ठा करना है। वॉलेंटियर्स की तरफ से यूक्रेनी अधिकारियों की मदद की जा रही है। हजारों शरणार्थियों को ओडेसा और मायकोलाइव ले जाने के लिए ट्रेनों और बसों का प्रयोग हो रहा है। इस बात की भी आशंका है कि बचाव अभियान जारी रहने के दौरान ही रूस की तरफ से फिर से फायरिंग शुरू हो सकती है।
खदानों में हो सकता है ब्लास्ट – सबसे बड़ी चिंता उन खदानों की है जो जमीन के अंदर छिपी हुई हैं। इनमें संभावित रूप से विस्फोट हो सकता है। ये खदानें कीचड़ भरे पानी के नीचे छिपी होती हैं। एक बचावकर्ता के मुताबिक ये खदानें गांवों और शहरों में कहीं भी हो सकती हैं और नागरिकों को घायल कर सकती हैं। हालांकि डर के साथ रूस और व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गुस्सा भी बढ़ रहा है। लोग गुस्से में हैं और उन्हें लगता है कि रूस ने काफी ज्यादती की है। अभी तक करीब एक हजार लोगों को निकाला जा चुका है। बांध एक पनबिजली संयंत्र का हिस्सा था और इस बांध से जैपसोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र को भी पानी मुहैया कराया जाता था। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के अधिकारियों ने कहा कि वे तेजी से विकसित हो रही स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
The moment that the Nova Kakhovka dam was blown up
— Antonio Sabato Jr (@AntonioSabatoJr) June 6, 2023
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