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बोतलों से हमला, स्याही फेंकी… ब्रिटेन से अमेरिका तक खालिस्तानियों ने काटा बवाल, जानें क्या-क्या हुआ


खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई का विरोध कर रहे खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक प्रदर्शन किया है। इस दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग से लेकर अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को में भारतीय काउंसलेट के बाहर नारेबाजी की। ब्रिटेन में तो खालिस्तानियों ने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन के दावों को तार-तार करते हुए लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस पर पानी की बोतलें और स्याही फेंकी। हालांकि, भारत के सख्त एतराज के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी थी, जिस कारण खालिस्तानी इंडिया हाउस से दूर ही रहे। इसके पहले हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानियों की भीड़ ने तिरंगे का अपमान किया था और भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग में तोड़फोड़ की थी।
बुधवार को हुए विरोध प्रदर्शन के पहले ही लंदन पुलिस ने पूरी तैयारी कर रखी थी। भारत सरकार की जैसे को तैसा कार्रवाई के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में पुलिस की 24 बसों को तैनात किया था। इतना ही नहीं, घुड़सवार पुलिस दस्ते को भी मौके पर तैयार रखा गया था। शुरू में तो खालिस्तानियों का विरोध प्रदर्शन छोटा था, लेकिन शाम शाम ढलने के साथ संख्या बढ़ती गई। लंदन पुलिस ने बताया कि देर शाम तक लगभग 2000 प्रदर्शनकारी घटनास्थल पर पहुंच गए थे। जब उन्होंने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और पानी की बोतलों, स्याही और पाउडर के रंगों से पुलिस को निशाना बनाया तो माहौल खराब हो ग.ा। पुलिस ने कहा कि अगर विरोध बढ़ता है तो वे घटनास्थल को खाली कर देंगे।
भारतीय उच्चायोग की बढ़ाई गई सुरक्षा – लंदन में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा तब बढ़ाई गई, जब भारत ने नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर ट्रैफिक बैरिकेड्स को हटा दिया। इतना ही नहीं, ब्रिटिश उच्चायुक्त के निवास के बाहर से भी सुरक्षा कम की गई। इसे भारत सरकार की बढ़ती नाराजगी के तौर पर देखा गया। भारत ने बताया कि इन बैरिकेड्स को इसलिए हटाया गया, क्योंकि वे आम जनों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे थे। लेकिन, इसका संदेश सीधा लंदन को गया कि भारत सरकार नाराज है। रविवार की देर शाम भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानियों के हमले के बाद भारत ने ब्रिटिश सुरक्षाबलों की गैरमौजूदगी पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए दिल्ली में एक वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया था।
भारत ने खालिस्तानियों के हमले पर जताई थी नाराजगी – भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ब्रिटिश सुरक्षा की पूर्ण अनुपस्थिति के लिए एक स्पष्टीकरण की मांग की गई थी, जिसने इन तत्वों को उच्चायोग परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि यूके सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह घटना में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पहचान, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने के लिए तत्काल कदम उठाए और ऐसी घटना को दोबारा घटने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। इसके बाद कई ब्रिटिश अधिकारियों, सांसदों और भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त ने इस घटना की निंदा की। इस मामले में स्कॉटलैंड यार्ड ने सिर्फ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जो अब जमानत पर बाहर है।
अमेरिका में भी खालिस्तानियों का प्रदर्शन – अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में में भी खालिस्तानियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया थआ। इस दौरान खालिस्तानियों ने खालिस्तान के कथित झंडे लहराए, हालांकि इस दौरान पुलिस की कड़ी सुरक्षा भी देखी गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क पर भारी बैरिकेडिंग कर रोक दिया था। दरअसर, यहां भी कुछ दिनों पहले खालिस्तानियों ने तोड़फोड़ की थी, जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा था कि ऐसी घटनाए अस्वीकार्य हैं और वे कड़ी कार्रवाई करेंगे।