आषाढ़ माह की गर्म दोपहर थी। भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ भ्रमण पर जा रहे थे। उस रास्ते में कहीं पेड़ भी नहीं थे। चारों तरफ बिखरी थी तो बस रेत ही रेत। रेत पर चलने के कारण तथागत् के पैरों के निशान बनते जा रहे थे। ये निशान सुन्दर थे। तभी अचानक शिष्यों को दूर एक पेड़ दिखाई …
Read More »Spirituality
जमीन-जायदाद के मालिक बनना चाहते हैं तो करें मां शैलपुत्री का पूजन
या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। आधार: पौराणिक कथाओं के अनुसार नवदुर्गा के पहले स्वरूप में मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है, वास्तविकता में मां शैलपुत्री मूलरूप से महादेव शंकर कि अर्धांगिनी पार्वती जी का ही एक रूप हैं, मां पार्वती जी पूर्वजन्म में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थीं तथा उस जन्म …
Read More »9 नहीं 10 दिन तक चलेंगे नवरात्र जानिए, किस दिन रहेगा कौन सी देवी का दिन
1 अक्टूबर से मां दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहा है, जो 10 अक्टूबर तक चलेगा। इस वर्ष प्रतिपदा तिथि दो दिन तक रहेगी इसलिए नवरात्र 9 नहीं 10 दिन तक चलेंगे। नवरात्र के अतिरिक्त और भी बहुत सारी शुभ तिथियां आ रही हैं। आईए जानें, किस दिन रहेगा कौन सी देवी का दिन पहला नवरात्र: …
Read More »राजा दशरथ को श्राद्ध का भोजन खाते देख डर गई थी देवी सीता
श्राद्ध पक्ष का संदेश देते हुए भगवान कहते हैं, ‘‘वैदिक रीति से अगर आप मेरे स्वरूप को नहीं जानते हैं तो श्रद्धा के बल से जिस-जिस देवता के, पितर के निमित्त जो भी कर्म करते हैं। उन-उनके द्वारा मेरी ही सत्ता-स्फूर्ति से तुम्हारा कल्याण होता है। देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं, पितरों को पूजने वाले पितरों …
Read More »‘श्राद्ध’ का सीधा संबंध धर्म और विज्ञान से
ज्योतिष-आचार्य आशीष ममगाई श्रद्धावान लभते ज्ञानमप्श्रद्धावान व्यक्तियों को ज्ञान प्राप्त होता है, ऐसा शास्त्र कहता है और जिसे ज्ञान प्राप्त होता है, उसे लाभ भी जरूर मिलता हैप् तो पहले वाक्य में बात हुई धर्म की और दूसरे में विज्ञान कीप् क्योंकि यह विज्ञान ही है जो ज्ञान की कसौटी पर सारी चीजें मापता-तोलता है, धर्म-शास्त्र को …
Read More »जानिए इस लेख से न्याय के अाधार पर अधिकार की सही परिभाषा
प्राचीन काल की बात है। शंख और लिखित दो सगे भाई थे। दोनों भाई अलग-अलग आश्रमों में रहते थे। एक बार लिखित शंख के आश्रम पर आए। शंख आश्रम में नहीं थे। लिखित को भूख लगी तो वह आश्रम में लगे वृक्षों से फल तोड़कर खाने लगे। थोड़ी देर में शंख वापस आश्रम में आए। उन्होंने लिखित से पूछा, ‘‘भैया, …
Read More »शादी या ब्रह्मचर्य, आदमी चाहे जो भी रास्ता चुन ले उसे बाद में पछताना ही पड़ता है
सुकरात के अनमोल वचन * जहां सम्मान है वहां डर है लेकिन ऐसी हर जगह सम्मान नहीं है जहां डर है क्योंकि संभवत: डर सम्मान से ज्यादा व्यापक है। * एक ईमानदार आदमी हमेशा एक बच्चा होता है। * चाहे जो हो जाए, शादी कीजिए। अगर अच्छी पत्नी मिली तो आपकी जिंदगी खुशहाल रहेगी, अगर बुरी पत्नी मिलेगी तो आप …
Read More »प्रवचन में बैठे व्यक्ति की ये चालाकी उसको नरक में ले जाती है
दो मित्र अक्सर एक वेश्या के पास जाया करते थे। एक शाम जब वे वहां जा रहे थे तो रास्ते में किसी संत का आध्यात्मिक प्रवचन चल रहा था। एक मित्र ने कहा कि वह प्रवचन सुनना पसंद करेगा। उसने उस रोज वेश्या के यहां नहीं जाने का फैसला किया। दूसरा व्यक्ति अपने मित्र को वहीं छोड़ कर उस वेश्या …
Read More »दुनियां के अधिकतर लोग इस अनदेखी शक्ति से हैं अंजान
ईश्वर ने हम सभी को अनदेखी शक्तियां दी हैं। कई बार हम खुद अपनी योग्यता से अंजान होते हैं और समय आने पर हमें इसका पता चलता है। हमें इस बात को समझना चाहिए कि किसी एक काम में असफल होने का मतलब हमेशा के लिए अयोग्य होना नहीं है। खुद की योग्यता पहचानकर आप हर कार्य कर सकते हैं। …
Read More »शास्त्र कहते हैं महिलाओं को नहीं फोड़ना चाहिए नारियल
भारतीय वैदिक परंपरा अनुसार श्रीफल शुभ, समृद्धि, सम्मान, उन्नति और सौभाग्य का सूचक माना जाता है। किसी को सम्मान देने के लिए ऊनी शॉल के साथ श्रीफल भी भेंट किया जाता है। भारतीय सामाजिक रीति-रिवाजों में भी शुभ शगुन के तौर पर श्रीफल भेंट करने की परंपरा युगों से चली आ रही है। विवाह की सुनिश्चित करने हेतु अर्थात तिलक …
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