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संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान ने उठाया राम मंदिर का मुद्दा, भारत ने दिया करारा जवाब


भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने अपने देश में और सीमा पार ‘हिंसा की संस्कृति’ को बढ़ावा दिया है। साथ ही मानवाधिकारों पर उसके ‘खेदजनक’ रेकॉर्ड और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार वैश्विक समुदाय के लिए ‘लगातार चिंता’ का विषय बना हुआ है। इस दौरान भारत ने पाकिस्‍तान को अयोध्‍या में राम मंदिर पर करारा जवाब दिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर पाउलोमी त्रिपाठी ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘शांति की संस्कृति’ पर एक कार्यक्रम में कहा, ‘दुर्भाग्य से, हमने पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा संयुक्त राष्ट्र मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ घृणा भाषण देने के लिए करने के एक और प्रयास को देखा।’ त्रिपाठी ने कहा, ‘यह ऐसे समय में हो रहा है जब पाकिस्तान अपने देश में और सीमा पार हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है।’
रूस के अत्‍याधुनिक S-500 एयर डिफेंस सिस्‍टम के अलावा किसी भी देश के पास हाइपरसोनिक मिसाइलों का रोकने की क्षमता नहीं है। इस तकनीकी की मदद से अब भारत एंटी शिप मिसाइलें बना सकेगा। ये घातक म‍िसाइलें पलक झपकते ही शत्रुओं के एयरक्राफ्ट कैरियर को तबाह कर देंगी। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत ब्रह्मोस-2 नाम से एंटी शिप हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की तैयारी कर रहा है। रूस के मदद से तैयार ब्रह्मोस मिसाइल अभी सब सोनिक स्‍पीड (ध्‍वनि से तीन गुना ज्‍यादा रफ्तार) से वार करती है। इस तरह ब्रह्मोस-2 अपने पूर्ववर्ती मिसाइल से दोगुना ज्‍यादा रफ्तार से वार करेगी।

लद्दाख में भारतीय जमीन पर आंखे गड़ाए बैठा चीन बहुत तेजी से अपनी नौसैनिक क्षमता बढ़ा रहा है। चीन के पास जल्‍द ही तीन एयरक्राफ्ट कैरियर हो जाएंगे। इसके अलावा चीन के पास बड़े पैमाने पर डेस्‍ट्रायर, फ्रीगेट्स और अत्‍याधुनिक सबमरीन का बेड़ा है। इसके अलावा चीन अपनी नौसेना के लिए कई घातक हथियार बनाने में जुटा हुआ है। चीन ने हाल ही में लंबी दूरी तक मार करने वाली डीएफ-27 मिसाइलों का परीक्षण किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के एंटी शिप हाइपरसोनिक मिसाइलों को बनाने से चीन की टेंशन कई गुना बढ़ जाएगी।

चीन न केवल अपनी ताकत बढ़ा रहा है, बल्कि भारत के धुर विरोधी पाकिस्तान की नौसेना को घातक युद्धपोत और सबमरीन दे रहा है। चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव में चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर एक अहम हिस्सा है, दोनों देशों के बीच सैन्य हथियारों को लेकर भी कई डील हुई हैं। यही नहीं चीन पाकिस्‍तान के ग्‍वादर में विशाल नेवल बेस बना रहा है। अब चीन के हुडॉन्ग-झॉन्गहुआ शिपयार्ड ने पाकिस्तानी नौसेना के लिए बनाया टाइप-054AP श्रेणी का मल्टिपर्पज स्‍टेल्‍थ फ्रीगेट भी लॉन्च कर दिया है। ये फ्रीगेट रेडार को चकमा देने में भी सक्षम है। पाकिस्‍तान की नौसेना के पास इस समय केवल नौ फ्रीगेट्स, पांच सबमरीन और 10 मिसाइल बोट और तीन माइनस्‍वीपर हैं।

चीन से मिल रहे युद्धपोत से पाकिस्‍तानी नौसेना बेहद घातक हो जाएगी। ये युद्धपोत 4000 समुद्री मील तक हमला कर सकते हैं और इन पर जमीन से हवा और सबमरीन रोधी मिसाइलें लगी हुई हैं। पाकिस्‍तान को ये हथियार 2021-23 के बीच मिल जाएंगे। पाकिस्‍तान को मिलने वाली चीनी युआन क्‍लास की पनडुब्‍बी दुनिया में सबसे शांत मानी जाने वाली पनडुब्‍ब‍ियों में से एक है। इन 8 में से 4 वर्ष 2023 पाकिस्‍तान को मिल जाएंगी। डीजल इलेक्ट्रिक चीन की इस पनडुब्बी में ऐंटी शिप क्रूज मिसाइल लगी होती हैं। यह पनडुब्बी एयर इंडिपैंडेंट प्रपल्शन सिस्टम के कारण कम आवाज पैदा करती है जिससे इसे पानी के नीचे पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। पाकिस्तानी नौसेना ने हाल में ही अपनी एक पनडुब्बी को चीनी नौसेना के युद्धपोतों के बीच कराची में सुरक्षा के लिए तैनात किया था।
हाइपरसोनिक मिसाइल की दुनिया में सबसे आगे रूस चल रहा है। रूस ने अपनी 3M22 जिरकॉन मिसाइल को तैनात करना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत की ब्रह्मोस-2 मिसाइल भी जिरकॉन पर आधारित है। डीआरडीओ अगले पांच साल में स्‍क्रैमजेट इंजन के साथ हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार कर सकता है। इसकी रफ्तार दो किलोमीटर प्रति सेकेंड से ज्‍यादा होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इससे अंतरिक्ष में सैटलाइट्स भी कम लागत पर लॉन्‍च किया जा सकते हैं। आम मिसाइलें बैलस्टिक ट्रैजेक्‍टरी फॉलो करती हैं। इसका मतलब है कि उनके रास्‍ते को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। इससे दुश्‍मन को तैयारी और काउंटर अटैक का मौका मिलता है जबकि हाइपरसोनिक वेपन सिस्‍टम कोई तयशुदा रास्‍ते पर नहीं चलता। इस कारण दुश्‍मन को कभी अंदाजा नहीं लगेगा कि उसका रास्‍ता क्‍या है। स्‍पीड इतनी तेज है कि टारगेट को पता भी नहीं चलेगा। यानी एयर डिफेंस सिस्‍टम इसके आगे पानी भरेंगे।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम की जम्मू-कश्मीर , बाबरी मस्जिद विध्वंस और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा की। त्रिपाठी ने कहा, ‘पाकिस्तान के मानवाधिकारों के खेदजनक रेकॉर्ड और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार वैश्विक समुदाय के लिए लगातार चिंता का विषय बना हुआ है।’
उन्होंने कहा, ‘ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल हिंदुओं, ईसाइयों और सिखों जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए किया जाता है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की हालत विशेष रूप से खराब है क्योंकि उनका अपहरण किया जाता है, बलात्कार किया जाता है और उनका धर्मांतरण करके बलात्कारियों से उनकी जबरन शादी करा दी जाती है। त्रिपाठी ने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण स्थिति अब और खराब हो गई है।